अच्छी पहल! गरीब बच्चें भी हो सकें शिक्षित इसलिए इन्हें मुफ्त पढ़ा रही मीना निझवान
punjabkesari.in Friday, Oct 30, 2020 - 01:18 PM (IST)
आजकल सभी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत बिजी हैं। अगर किसी के मन में मदद का ख्याल आता भी है तो बहुत सारे सवाल उनके मन में आने लगते हैं हम कैसे मदद करेंगे या फिर क्या हम किसी की अकेले मदद कर पाएंगे। इस तरह के सवालों के कारण सामाजिक मदद करने में बहुत सी दिकक्तें आती हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी सुनाते हैं जिसे सुन आपको भी हर सवाल के जवाब मिल जाएंगे।
हमारे आस-पास ऐसे कितने ही बच्चे हैं जो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन परिवार की मजबूरी और आर्थिक हालात ठीक न होने के कारण वह पढ़ नहीं पाते हैं। ऐसी ही मदद के लिए नोएडा की मीना निझवान ने कदम बढ़ाया। दरअसल मीना निझवान ‘संकल्प साक्षरता समिति’ के माध्यम से कईं बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी प्रदान कर रही हैं और उन्हें पढ़ा रही हैं।
यूं शुरू हुआ यह सिलसिला
दरअसल मीना निझवान आर्मी बैकग्राउंड से आती हैं और आर्मी बैकग्राउंड होने के कारण उनके मन में हमेशा से समाज के लिए करने की इच्छा थी। मीना ने अपने घर की सहायक पदमा को पढ़ाना शुरू किया और शायद वह यह नहीं जानती थी कि एक दिन वह इस मदद से कईं बच्चों की जिंदगी में रोशनी भरेंगी।
बच्चों को घर ले आईं मीना
दरअसल एक बार मीना ने बाहर गरीब बच्चे भटकते हुए देखे जिसे देख मीना के दिमाग में बहुत से सवाल आए। मीना ने इनकी मदद करने की ठानी और वह इन्हें घर ले आई। इन्हें नहलाया और बच्चों से यह वादा मांगा कि वह अब से पढ़ेंगे। यह बात जब आस-पास में फैलने लगी तो कूड़ा उठाने वाले, रिक्शे वाले और भी बहुत से बच्चे मीना के घर पढ़ने के लिए आ गए। धीरे धीरे मीना का घर एक छोटे से स्कूल में बदल गया। बच्चों के पढ़ने के प्रति ऐसा उत्साह देख मीना को भी बहुत प्रेरणा मिली और उन्होंने अपने इस जिम्मे को ‘संकल्प साक्षरता समिति’ का नाम दे दिया।
बच्चों के लिए बेचे नमक के पैकेट
बच्चों की बढ़ती संख्या देख मीना को बहुत खुशी थी। मीना इन बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने लगी लेकिन पैसे न होने के कारण मीना को कईं मुश्किलें भी आईं। बच्चों की पढ़ाई के लिए मीना अपने पिता की बंद पड़ी फेक्ट्री में से नमक के पैकेट्स लोगों के घर-घर जाकर बेचने लगी।
बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाना मकसद
मीना की मानें तो उनका मकसद बच्चों को सिर्फ पढ़ाना नहीं है बल्कि उनका मकसद है उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना। मीना के इस काम के लिए स्माइल फाउंडेशन जो कि राष्ट्रीय स्तर की विकास संस्था है उसने इस मदद में उनके साथ हाथ मिलाया। यह फाउंडेशन 4 लाख बच्चों और उनके परिवारों को हर साल 200 से ज्यादा वेलफेयर प्रोजेक्टो से सीधे लाभ पहुंचाती है।
50 महिलाओं को मुफ़्त शिक्षा दे रही
मीना का प्रेरणा भरा काम यही नहीं रूका बल्कि वह अपने घर के पास प्रौढ़ शिक्षा भी चला रही हैं जहां वह पास की झुग्गियों की 50 महिलाओं को फ्री में शिक्षा दे रही हैं।
हम मीना के इस काम के लिए उन्हें सलाम करते हैं। वह समाज के लिए सच में किसी प्रेरणा से कम नहीं है।