कहानी ऑटो ड्राइवर की बेटी की: गरीबी के कारण छोड़ना पड़ा था स्कूल, अब बिहार में किया टॉप
punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 01:28 PM (IST)

नारी डेस्क: पिछले हफ्ते बिहार बोर्ड की 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित किए गए, जिसमें इस बार भी लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया। इसी बीच एक ऑटो चालक की बेटी की दृढ़ता और दृढ़ संकल्प की दिल को छू लेने वाली कहानी सामने आई है। इस बहादुर बच्ची ने पढ़ाई के बीच गरीबी को आड़े नहीं आने दिया, उसकी हिम्मत और मेहनत का ही फल है कि आज वह लाखाें लड़कियों के लिए मिसाल बन गई है।
ऑटो चालक की बेटी रोशनी कुमारी बिहार कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा में वाणिज्य स्ट्रीम में राज्य की टॉपर बनकर उभरी है। रोशनी की सफलता की यात्रा उसकी कड़ी मेहनत और परिवार के समर्थन का प्रमाण है। आर्थिक तंगी के कारण उसने सरकारी स्कूल में ही पढ़ाई की और अपने सपनों को साकार किया। उसकी मां की प्रेरणा और शिक्षकों के प्रोत्साहन ने उसकी इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपनी उपलब्धि के बारे में बात करते हुए रोशनी ने कहा- "मेरे पिता एक ऑटो चालक हैं। आर्थिक तंगी के कारण, मैंने अपना पिछला स्कूल छोड़ दिया और खुद को एक सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाया... मेरी मां ने मुझे बहुत प्रेरित किया। पहले, मैंने 12वीं के बाद सीए करने का फैसला किया था, लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति को देखते हुए मैंने वह विचार छोड़ दिया और सीएस करने के बारे में सोचा। मेरे शिक्षकों ने मुझे कहा कि पैसों की चिंता मत करो और वे मेरा साथ देंगे...। रोशनी की कहानी साधारण पृष्ठभूमि से आए छात्रों को प्रेरित करती है, यह दर्शाती है कि समर्पण और समर्थन से कोई भी अपने सपनों को हासिल कर सकता है।
अपनी बेटी की सफलता पर भावुक हुए रोशनी के पिता सुधीर कुमार ने कहा कि मैं ऑटो चलाकर अपनी बच्ची को पढ़ा रहा हूं और आगे भी उसे पढ़ाऊंगा। उन्होंने कहा की रोशनी जब 3 साल की थी तभी उसकी पढ़ाई देखकर लग रहा था कि वह एक दिन जरूर मेरा नाम रोशन करेगी और वह आज दिन देखने को मिल गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोशनी को बधाई दी। सीएम ने छात्राओं की इस सफलता को महिला सशक्तीकरण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बताया, इसका श्रेय राज्य सरकार द्वारा लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए लागू की गई विभिन्न योजनाओं को दिया।