मौनी अमावस्या पर दान-स्नान करने से मिटते हैं पाप, इस दिन यह काम करते ही भगवान शिव होंगे प्रसन्न !

punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2025 - 06:48 PM (IST)

नारी डेस्क: 29 जनवरी को महाकुंभ में मौनी अमावस्या के 'अमृत स्नान' के लिए 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। यह आत्मशुद्धि, पितरों की कृपा और भगवान शिव की आराधना के लिए एक पवित्र अवसर है।  इस दिन मौन रहकर, गंगा स्नान कर, पितरों का तर्पण और भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल मिलता है। इसे आत्मशुद्धि, पापों से मुक्ति और पितरों की शांति के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

 

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मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व 

गंगा स्नान को मौनी अमावस्या पर बहुत पवित्र और लाभकारी माना गया है। यह माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति अपने पाप कर्मों से मुक्त हो जाता है। गंगा स्नान से न केवल शरीर, बल्कि आत्मा भी शुद्ध होती है। जो लोग इस दिन गंगा स्नान करते हैं, उन्हें मोक्ष का मार्ग मिलता है। स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-शांति का आशीर्वाद देते हैं। अगर गंगा तक जाना संभव न हो तो किसी पवित्र नदी, तालाब, या कुंड में स्नान करें।अगर यह भी न हो सके, तो घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। 

 

पितरों के लिए क्या करें उपाय?

मौनी अमावस्या पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का विशेष दिन है। गंगा स्नान के बाद, अपने पितरों का स्मरण करें और जल में तिल और कुश डालकर तर्पण करें। इस दिन अनाज, वस्त्र, तिल, घी, और स्वर्ण दान करें। ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं। जो लोग गया या हरिद्वार जा सकते हैं, वहां पिंडदान करना बहुत शुभ माना जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए घर के बाहर और तुलसी के पास दीपक जलाएं।

 

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 इस दिन भोलेनाथ की पूजा कैसे करें?

मौनी अमावस्या भगवान शिव की पूजा के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्नान के बाद शुद्ध कपड़े पहनें और शिवलिंग का अभिषेक करें। दूध, दही, घी, शहद, गंगा जल और शुद्ध जल से अभिषेक करें। बिल्व पत्र, सफेद फूल, धतूरा और भस्म चढ़ाएं। इस दौरान 'ॐ नमः शिवाय' का 108 बार जप करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें। भगवान शिव से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और पितरों की शांति की प्रार्थना करें। 


 मौन रहने का महत्व


मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है। मौन व्रत रखने से मन की चंचलता कम होती है और ध्यान केंद्रित होता है। इस दिन ध्यान और प्रार्थना करने से आत्मिक विकास होता है।  मौन रहने से वाणी के दोषों से बचा जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन दान करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है।


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vasudha

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