एबार्शन के कितने दिनों बाद होती है महिला की रिकवरी? क्या करें-क्या नहीं

punjabkesari.in Monday, Mar 10, 2025 - 09:57 PM (IST)

नारी डेस्कः एबॉर्शन का दर्द प्रसव पीड़ा जैसे ही होता है ये बात तो आपने किसी ना किसी महिला के मुंह से सुनी होगी लेकिन एबॉर्शन की नौबत कैसे आती है और इसके कितने दिनों बाद महिला की रिकवरी होती है ये जानना बहुत जरूरी है क्योंकि एबॉर्शन (गर्भपात) महिला के शरीर और मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। चलिए इस आर्टिकल में हम आपको इससे जुड़ी ही जानकारी देते हैं। 

एबॉर्शन है क्या?

जब गर्भवती के गर्म में विकसित भ्रूण खराब हो जाए उसे गर्भपात यानि एबॉर्शन कहते हैं। एबॉर्शन नेचुरल भी हो सकता है और सर्जिकल या मेडिकल एबॉर्शन । इसके बाद रिकवरी का समय महिला के स्वास्थ्य, उम्र और मेडिकल स्थिति पर निर्भर करता है। 

नेचुरल एबॉर्शन के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे महिला के शरीर में कोई प्रॉब्लम होना जैसे शरीरिक कमजोरी या यूट्रस का कमजोर होना जबकि कई बार अनचाहे गर्भ या भ्रूण में किसी तरह के हैल्थ इश्यूज होने का भय हो तो इसे हटाने के लिए कई बार गर्भवती को मेडिकल एबॉर्शन का सहारा लेना पड़ता हैं, जिसे सर्जिकल गर्भपात कहते हैं। इस प्रोसेस में गर्भाश्य से गर्भ और नाल को हटाकर एक अवांछित गर्भावस्था को समाप्त किया जाता है हालांकि गर्भपात नैचुरल हो या अनचाहा, महिला के लिए मानसिक और शारीरिक स्वस्थ के लिए ये दोनों स्तरों में बेहद मुश्किल होता है, जिसके चलते महिला को कई बार रिकवरी करने में मुश्किल होती है। चलिए आपको इस बारे में बताते हैं।

1. मेडीकल एबॉर्शन और उनकी रिकवरी अवधि

सर्जिकल गर्भपात, नेचुरल गर्भपात जैसे नहीं होता है। नेचुरल गर्भपात में 20वें सप्ताह से पहले ही प्रेग्नेंसी अपने आप समाप्त हो जाती है जबकि मेडीकल एबॉर्शन में भ्रूण को खुद ही हटाया जाता है। इसमें प्रेगनेंसी 
को समाप्त करने के लिए दवाइयों का उपयोग किया जाता है। इसमें आमतौर पर 7 से14 दिनों तक ब्लीडिंग रहती है और पूरी तरह रिकवरी में 2 से 3 हफ्ते का समय लग सकता है। 

2. सर्जिकल एबॉर्शन और उसकी रिकवरी अवधि

सर्जिकल एबॉर्शन का प्रोसेस डॉक्टर द्वारा किया जाता है, जिसमें गर्भाशय से भ्रूण को निकाला जाता है। इसमें महिला को 5 से 10 दिनों तक ब्लीडिंग रह सकती है और रिकवरी का समय 10 दिन से लेकर 1 महीने तक हो सकता है।

ज्यादा ब्लीडिंग या खून थक्के आए तो जांच जरूरी  

एबॉर्शन के बाद महिला को बहुत अधिक मात्रा में ब्लीडिंग हो सकती है। यह 15 दिनों या इससे अधिक दिनों तक भी हो सकती है लेकिन अगर ब्लड के थक्के बनने अधिक शुरू हो गए हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना अति आवश्यक है। 

सर्जिकल गर्भपात के बाद महिला को खास देखभाल जरूरी 

सर्जिकल गर्भपात के बाद महिला को रिकवरी के लिए विशेष देखभाल करनी पड़ती है क्योंकि इसके बाद संक्रमण का खतरा बना रहता है। महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। रिकवरी के लिए महिला को खान-पान और आराम की जरूरत होती है।
PunjabKesari

3. कितनी देर बाद होती है रिकवरी?

एबॉर्शन के बाद महिला को रिकवर करने में 10 दिन से एक माह तक का समय लग सकता है। यह महिला की शारीरिक स्वास्थ पर निर्भर करता है। महिला, अगर शारीरिक रूप से हैल्दी हो तो वह 10 दिनों में भी रिकवर कर सकती हैं जबकि कमजोर शरीर वाली महिला को ज्यादा ब्लीडिंग, ऐंठन व पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द की समस्या भी हो सकती है और 1 माह से ज्यादा का समय लग सकता है। 

4. एबॉर्शन के बाद शरीर में होने वाले बदलाव

ब्लीडिंग और ऐंठन होना आम है। पेट में ऐंठन होना आम है लेकिन इसे दवाइयों से कंट्रोल किया जा सकता है। हल्की से मध्यम तक, ब्लीडिंग होना सामान्य है। ब्लीडिंग में रक्त के छोटे थक्के हो सकते हैं।हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण मूड स्विंग्स और डिप्रेशन हो सकता है। जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को सामान्य होने में 2-4 सप्ताह का समय लग सकता है।

थकान और कमजोरी

अगर महिला पहले से कमजोर हैं तो उसे ज्यादा थकान और कमजोरी हो सकती है। एनर्जी की कमी भी महसूस हो सकती है। कई महिलाओं को खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है।

गर्भपात के बाद इंफेक्शन का खतरा

यदि साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए तो गर्भाशय में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इससे महिला को तेज बुखार, व्हाइट डिस्चार्ज और पेट में तेज दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

4. कैसे करें खुद की देखभाल

पोषण और हैल्दी आहार खाएं। जैसे 
आयरन युक्त आहार- हरी सब्जियां, चुकंदर, अनार, गुड़ और ड्राई फ्रूट्स।
प्रोटीन युक्त आहार: दालें, दूध, पनीर, अंडे और मछली।
हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी और नारियल पानी पिएं।

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
परिवार और दोस्तों का सहयोग लें।
तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
भारी सामान उठाने और ज्यादा श्रम वाले कार्यों से बचें।
2 से 4 सप्ताह तक इंटरकोर्स न करें।
इंफैक्शन से बचने के लिए 2 से 4 घंटे में सेनिटरी पैड बदलते रहें।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लें।
पहले कुछ दिनों में भारी समान या शारीरिक श्रम वाला काम ना करें। 
एरोबिक या अन्य हैवी एक्सरसाइज ना करें।
तुरंत गर्भाधारण ना करें।

5. गर्भपात के दर्द से निजात पाने के लिए

गर्भपात के बाद अचानक दर्द शुरू हो जाता और कभी-कभी यह दर्द माहवारी के दर्द से भी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में दर्द से निजात पाने में गर्म पानी की थैले का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है लेकिन यदि इन सबके बावजूद भी दर्द कम नहीं होता तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अन्य उपाय जो आप अपना सकती हैं जैसे हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें। डॉक्टर की सलाह से पेनकिलर लें।

6. एबॉर्शन के बाद डॉक्टर से कब संपर्क करें?

अत्यधिक ब्लीडिंग हो जिसमें महिला को हर घंटे पैड बदलने की जरूरत पड़ रही हो।
तेज बुखार हो (100.4°F या उससे अधिक)।
पेट के निचले हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द।
बदबूदार वेजाइनल डिस्चार्ज।
अत्यधिक कमजोरी या चक्कर आना।

डिस्कलेमरः दोबारा गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और कम से कम 3 से 6 महीने का समय दें। एबॉर्शन के बाद महिला के शरीर को पूरी तरह से ठीक होने में कुछ समय लगता है। संतुलित आहार और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने से रिकवरी तेजी से हो सकती है। असामान्य लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर जांच करवाएं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static