महाकुंभ 2025: शाही स्नान में भीड़-भाड़ के कारण नहीं जा पा रहे श्रद्धालु, तो घर पर करें ये 5 स्टेप्स

punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2025 - 12:27 PM (IST)

नारी डेस्क: महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक किया जा रहा है। इस दौरान, दुनियाभर से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं। खासकर शाही स्नान की तिथियों पर, श्रद्धालुओं की संख्या अत्यधिक बढ़ जाती है, क्योंकि इसे पापों से मुक्ति और आत्मा की शुद्धि का माध्यम माना जाता है। लेकिन भीड़-भाड़ के कारण कई श्रद्धालु महाकुंभ में शाही स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी इस भीड़ से बचकर शाही स्नान का पुण्य लाभ लेना चाहते हैं, तो आप घर पर भी कुछ विशेष विधियों का पालन करके शाही स्नान जैसा पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

पवित्र जल का प्रयोग करें

अगर आप महाकुंभ में शाही स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करें। गंगाजल को घर पर स्नान के पानी में डालने से आपको पुण्य फल मिल सकता है। अगर आपके पास गंगाजल नहीं है, तो आप आसपास की किसी पवित्र नदी का पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपके पास गंगाजल का संग्रह नहीं है, तो आप ऑनलाइन माध्यम से भी इसे मंगवाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।

PunjabKesari

 विशेष मंत्रों का उच्चारण करें

शाही स्नान के दौरान विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है। घर पर स्नान करते समय "गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू" मंत्र का उच्चारण करें। यह मंत्र आपके स्नान को और भी पवित्र बना देगा। यदि मंत्र का उच्चारण करना कठिन हो तो आप स्नान करते समय मां गंगे का ध्यान भी कर सकते हैं। ध्यान रहे कि मंत्रों का उच्चारण पूरे श्रद्धा भाव से करना चाहिए, ताकि पुण्य की प्राप्ति हो सके।

साबुन और शैम्पू का इस्तेमाल न करें

महाकुंभ में स्नान करते समय शास्त्रों में यह बताया गया है कि गंगा में पांच बार डुबकी लगाने और साबुन या शैम्पू का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसी तरह, अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान कर रहे हैं, तो आपको इस नियम का पालन करना चाहिए। इस दौरान प्राकृतिक तत्वों को ही अपनाना बेहतर माना जाता है, ताकि आपकी आत्मा और शरीर दोनों शुद्ध हो सकें।

PunjabKesari

ये भी पढ़ें: घर में सुख-शांति और सकारात्मकता के लिए रखें भगवान हनुमान की ये खास तस्वीरें!

 व्रत रखें और सात्विक भोजन करें

शाही स्नान के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। यदि आप व्रत नहीं रख सकते, तो इस दिन केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें। शाही स्नान के बाद तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए, ताकि आपका पुण्य बना रहे। सात्विक भोजन से शरीर और मन में पवित्रता बनी रहती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

सूर्य को अर्घ्य दें और दान करें

स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें, फिर तुलसी में जल चढ़ाएं। इसके बाद जरूरतमंदों को दान करें। शाही स्नान के दौरान मन में श्रद्धा और पवित्रता का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे आपका शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं। दान से आपके पुण्य में वृद्ध‍ि होती है और समाज में एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

PunjabKesari

शुद्धता और मानसिकता पर ध्यान दें

शाही स्नान का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है मानसिक शुद्धता। इस दिन आत्मा की शुद्धि के साथ-साथ मानसिक शांति भी आवश्यक होती है। स्नान के दौरान कोई भी गंदे विचार या नकारात्मक सोच से दूर रहें। जिस प्रकार से नदी के पानी को शुद्ध किया जाता है, ठीक वैसे ही मानसिक शुद्धता से पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए मानसिक शांति बनाए रखना बहुत जरूरी है।

प्राचीन विधियों का पालन करें

प्राचीन विधियों के अनुसार स्नान के समय विशेष तंत्र-मंत्रों का पालन किया जाता है। शाही स्नान के समय तंत्र-मंत्रों के उच्चारण से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और शरीर में नए जीवन का संचार होता है। शास्त्रों में इस बारे में विस्तार से बताया गया है कि इन मंत्रों के उच्चारण से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

PunjabKesari

 स्नान के बाद पवित्रता को बनाए रखें

शाही स्नान के बाद भी पवित्रता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इस दिन स्नान के बाद कुछ समय तक शांतिपूर्वक बैठना चाहिए और किसी भी तरह की अनैतिक क्रियाओं से बचना चाहिए। ध्यान और प्रार्थना करना इस दौरान पुण्य की प्राप्ति में सहायक होता है।

महाकुंभ का शाही स्नान जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है इसका सही तरीका। अगर आप भी इस अवसर पर शाही स्नान का पुण्य प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऊपर बताए गए विधियों का पालन करें और घर पर भी शाही स्नान जैसा पुण्य प्राप्त करें।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static