देवऋषि कात्यान के घर पैदा हुई थी देवी कात्यानी, ऐसे हुआ था मां दुर्गा के छठे स्वरुप का जन्म
punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2023 - 06:40 PM (IST)
नवरात्रि के नौ दिन मां के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। वहीं नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यानी की पूजा की जाती है। देवी कात्यानी मां दुर्गा के छठे स्वरुप में जानी जाती हैं। शास्त्रों की मानें तो देवी ने कात्यान ऋषि के घर उनकी बेटी के रुप में जन्म लिया था इसलिए उनका नाम कात्यानी पड़ा था। विधि-विधान के साथ मां की पूजा करने से भक्तों को धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए आपको बताते हैं कि आप मां को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं....
ऐसा है मां का स्वरुप
मां कात्यानी का स्वरुप सोने के जैसा चमकीला है। मां की चार भुजाएं और उनका वाहन शेर है। मां के एक हाथ में तलवार, दूसरे में मां का प्रिय फूल कमल, एक हाथ में वरमुद्रा और एक में अभ्यमुद्रा है।
कैसे करें मां की पूजा?
सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद मां को पीले फूल अर्पित करें। मां को शहद भी बहुत ही प्रिय है, इसलिए इस दिन उन्हें शहद अर्पित करना शुभ माना जाता है। मां को सुगंधित फूल अर्पित करने से जल्दी शादी के योग बनते हैं। इसके अलावा मां को लाल फूल, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर भी जरुर चढ़ाएं। इसके बाद घी और कपूर जलाकर मां की आरती करें।
मां कात्यानी की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यान के मां आदिशक्ति के परम भक्त थे। इनकी इच्छा थी कि देवी उनकी पुत्री के रुप में उनके घर पधारें। इसके लिए ऋषि कात्यान ने वर्षों कठोर तपस्या की। इनके तप से प्रसन्न होकर देवी ऋषि की पुत्री के रुप में पैदा हुई थी। देव कात्यान की बेटी होने के कारण मां का नाम कात्यानी पड़ा। सबसे पहले मां की पूजा भी खुद ऋषि कात्यान ने की थी। तीन दिनों तक ऋषि की पूजा स्वीकार करने के बाद देवी ने ऋषि से विदा लिया और महिषासुर को युद्ध में ललकार कर उसका अंत कर दिया।