4–5 साल की बच्चियों को लगा रहे हैं लिपस्टिक? सुंदर दिखें न दिखें… लेकिन सेहत को बड़ा नुकसान जरूर होगा

punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 04:36 PM (IST)

नारी डेस्क:  आजकल छोटी बच्चियां भी मेकअप में दिलचस्पी लेने लगी हैं। घर की महिलाएं जैसे मम्मी, दीदी, बुआ या मौसी जब तैयार होती हैं, तो बच्चे भी उन्हीं की नकल करने लगते हैं। कई बार बच्चियां जिद करती हैं, और माता-पिता उन्हें खुश करने के लिए उनके चेहरे पर थोड़ा मेकअप कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कम उम्र में मेकअप करना उनकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है?

सोशल मीडिया के कारण बढ़ रहा ट्रेंड

आज के समय में इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर छोटी बच्चियां मेकअप करते हुए वीडियो बनाती हैं और उन्हें लाखों लोग देखते हैं। इससे सामान्य बच्चियों में भी मेकअप का क्रेज बढ़ रहा है। लेकिन कम उम्र में खूबसूरती की दौड़ में शामिल होना उनकी मानसिक और शारीरिक दोनों ही सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

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कम उम्र की त्वचा पर मेकअप क्यों नुकसानदायक है?

बच्चों की त्वचा बहुत नाजुक होती है। इसमें प्राकृतिक सुरक्षा परत (स्किन बैरियर) बड़ों की तुलना में कमजोर होती है। ऐसे में मेकअप या स्किन केयर प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल्स त्वचा के अंदर तक पहुंच जाते हैं और कई समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।

ये समस्याएं हो सकती हैं

त्वचा का रुखापन और जलन

खुजली और एलर्जी

छोटे-छोटे दाने, कील-मुहांसे

त्वचा का बैरियर कमजोर होना

दीर्घकाल में हार्मोनल असंतुलन

मेकअप प्रोडक्ट्स में कई बार रेटिनॉइड्स, ग्लाइकोलिक एसिड और अन्य केमिकल्स होते हैं, जो बच्चों की स्किन के लिए बिलकुल सुरक्षित नहीं होते।

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लिपस्टिक से क्या नुकसान हो सकते हैं?

4–5 साल की बच्चियों के होंठ बेहद संवेदनशील होते हैं। ऐसे में लिपस्टिक लगाने से होंठ फटने लगते हैं, सूखापन बढ़ जाता है। होंठों का रंग काला पड़ने लगता है यही नहीं, कई लिपस्टिक और मेकअप प्रोडक्ट्स में पैराबेन्स, फेथलेट्स और फिनोल जैसे रसायन पाए जाते हैं। इनका लगातार इस्तेमाल करने से

बच्चियों में ये जोखिम बढ़ जाते हैं

समय से पहले प्यूबर्टी (अकाली किशोरावस्था)

हार्मोनल बदलाव

भविष्य में ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर का खतरा

ये बातें किसी भी माता-पिता के लिए चिंता की वजह हो सकती हैं।

मानसिक सेहत पर भी असर

केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका बड़ा असर पड़ता है। जब बच्चियां सोशल मीडिया के सौंदर्य मानकों को फॉलो करने लगती हैं, तो
खुद की तुलना दूसरों से करने लगती हैं। हमेशा “परफेक्ट दिखने” का दबाव महसूस करती हैं।

एंजायटी, तनाव और कम आत्मविश्वास की समस्या

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर जैसी मानसिक स्थिति का खतरा। कम उम्र में यह सब उनके व्यक्तित्व विकास को धीमा कर सकता है।

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माता-पिता क्या करें?

बच्चों को मेकअप का इस्तेमाल न कराएं। स्किन-केयर वीडियो और सोशल मीडिया कंटेंट से उन्हें दूर रखें। उन्हें समझाएं कि खूबसूरती सिर्फ चेहरे पर नहीं, बल्कि स्वभाव और आत्मविश्वास में होती है। खेल, पढ़ाई और क्रिएटिव एक्टिविटीज की ओर उन्हें प्रेरित करें। कम उम्र में मेकअप करने से बच्चे भले ही कुछ समय के लिए “क्यूट” दिखें, लेकिन इसका असर उनकी सेहत पर लंबे समय तक पड़ सकता है। इसलिए बच्चों की नाजुक त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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