टीके लगवाने के बाद भी नहीं बच सकी 6 साल की बच्ची, आवारा कुत्ते ने किया था हमला
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 06:30 PM (IST)
नारी डेस्क: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां छह साल की बच्ची निशा शिंदे की मौत आवारा कुत्ते के काटने के एक महीने से अधिक समय बाद हो गई। परिवार ने बताया कि बच्ची का इलाज समय पर किया गया और उसे रेबीज रोधी टीके भी लगवाए गए थे।
17 नवंबर को निशा अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी एक आवारा कुत्ते ने उसके कंधे और गाल पर हमला कर उसे काट लिया। पहले स्थानीय डॉक्टर के पास इलाज करवाया गया और इसके बाद उसे कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के शास्त्रीनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची की मां सुषमा शिंदे के अनुसार, निशा के लिए रेबीज रोधी मानक प्रक्रिया का पालन किया गया।
Maharashtra Thane: મહારાષ્ટ્રના થાણે જિલ્લામાં એક માસુમ બાળકીનું રખડતું કૂતરું કરડવાથી મોત નિપજ્યું છે. પ્રાપ્ત વિગતો અનુસાર, 6 વર્ષની નિશ્ચા શિંદે 17 નવેમ્બરના રોજ ઘર બહાર રમી રહી હતી ત્યારે એક રખડતા કૂતરાએ ખભા પર બચકું ભરી લીધું હતું. આ ઘટના બાદ પરિવારજનોએ તેને તાત્કાલિક… pic.twitter.com/bufzrehMgA
— Gujarat Samachar (@gujratsamachar) December 24, 2025
टीके और जन्मदिन के बाद अचानक बिगड़ी हालत
निशा को सभी अनिवार्य टीके समय पर दिए गए थे। शुरुआती उपचार के बाद उसकी हालत पहले बेहतर थी और 3 दिसंबर को उसका जन्मदिन भी मनाया गया। लेकिन 16 दिसंबर को रेबीज रोधी टीके की अंतिम खुराक लेने के एक दिन बाद बच्ची को तेज बुखार और सिरदर्द हुआ। उसके व्यवहार में अचानक बदलाव देखने को मिला, जैसे बिस्तर से सिर ठोकना और लोगों को खुरचना।
इलाज में प्रोटोकॉल का पालन
अगले दिन निशा को केडीएमसी अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया और बेहतर इलाज के लिए मुंबई के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया। केडीएमसी की चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपा शुक्ला ने बताया कि बच्ची के इलाज के दौरान सभी निर्धारित चिकित्सीय प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया।

परिवार और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने परिवार और स्थानीय लोगों को शॉक में डाल दिया है। माता-पिता का कहना है कि उन्होंने समय पर सभी आवश्यक टीके और इलाज करवाया, लेकिन दुर्भाग्यवश बच्ची को बचाया नहीं जा सका। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि आवारा जानवरों के काटने के मामले हमेशा गंभीर हो सकते हैं और समय पर सतर्कता और इलाज बेहद जरूरी है।

