बच्चा बार-बार खांस रहा है और बेचैन है? अपनाएं ये आसान आयुर्वेदिक उपाय
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 11:00 AM (IST)
नारी डेस्क: सर्दियों का मौसम बच्चों के लिए कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है। ठंडी हवा, गिरता तापमान और कमजोर इम्यूनिटी के कारण बच्चे जल्दी सर्दी, खांसी और सीने में जकड़न की शिकायत करने लगते हैं। कभी-कभी सांस लेने में भी दिक्कत होती है, जिससे बच्चा न ठीक से खेल पाता है और न ही अच्छी नींद ले पाता है।
बच्चे की लगातार खांसी और बेचैनी से माता-पिता भी परेशान हो जाते हैं। ऐसे समय में दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेद में बताए गए पारंपरिक घरेलू उपाय बहुत मददगार हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरीर और मन का संतुलन बनाए रखने से सर्दी और खांसी जैसी समस्याएं कम होती हैं।

मां के खान-पान का ध्यान रखें
अगर बच्चा मां का दूध पीता है, तो मां के खाने का सीधा असर बच्चे पर पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार मां को ठंडी तासीर वाली चीजें, ज्यादा मसालेदार और भारी भोजन खाने से बचना चाहिए। सही खान-पान से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत रहती है।
तिल के तेल से मालिश
तिल का तेल आयुर्वेद में बहुत फायदेमंद माना गया है। इसमें गर्म तासीर होती है, जो सीने की जकड़न और बलगम को कम करने में मदद करती है। हल्का गर्म तिल का तेल लेकर बच्चे के सीने, पीठ और हाथ-पैरों पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे शरीर को गर्माहट मिलती है और बच्चा आराम महसूस करता है।

पान के पत्ते का उपयोग
पान के पत्ते में सूजन कम करने वाले (एंटी-इंफ्लेमेटरी) गुण होते हैं। एक पान का पत्ता हल्का सा गर्म करें, उस पर थोड़ा तिल का तेल लगाएं और बच्चे के सीने पर रखें। ऊपर से मुलायम कपड़ा ढक दें। यह उपाय खांसी और ठंडी से हुई जकड़न को कम करता है।
जायफल और छुआरे का सेवन
जायफल और छुआरा सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। दूध में भीगा छुआरा, थोड़ा मुनक्का और चुटकी भर जायफल पाउडर बच्चे को देने से खांसी और जकड़न में राहत मिलती है और नींद भी अच्छी आती है।
डॉक्टर की सलाह जरूरी
अगर बच्चे में सांस या सीने की समस्या गंभीर हो, तो किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद जरूरी है। सही देखभाल से बच्चा सर्दियों में भी स्वस्थ और खुश रह सकता है।

