गुरु पूर्णिमा पर भूलकर भी न करें ये गलती, प्रेमानंद महाराज जी से जानें गुरु को प्रसन्न करने के तरीके
punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 12:55 PM (IST)

गुरु पूर्णिमा हिंदू परंपरा में एक अत्यंत पावन दिन होता है। इस दिन गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट कर उनका आशीर्वाद लेने से जीवन में सफलता, शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। गुरु पूर्णिमा या किसी भी दिन गुरु पूजन करते समय कुछ बातें बहुत जरूरी होती हैं। कई बार लोग जाने-अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो आध्यात्मिक विकास और करियर में बाधा बन सकती हैं। स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बताया है कि गुरु के सामने कभी भी अभिमान, टेढ़ी नजर, या बहस नहीं करनी चाहिए। साथ ही पूजन करते वक्त सच्चे मन और श्रद्धा के साथ उपस्थित होना चाहिए। ऐसे पूजन से जीवन में सफलता और शुभ फल मिलते हैं।

जाने-अनजाने में हो जाती हैं ये गलतियां
स्वामी प्रेमानंद महाराज के अनुसार, कई लोग गुरु पूजन के समय कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो आध्यात्मिक उन्नति में बाधा बनती हैं और करियर की राह में रुकावटें लाती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
-गुरु के सामने कभी अभिमान न रखें। अहंकार आध्यात्मिक विकास का सबसे बड़ा दुश्मन है।
-टेढ़ी नजर या संदेह से न देखें। गुरु पर पूर्ण विश्वास रखें, तभी उनका आशीर्वाद फलदायक होगा।
-गुरु से बहस या तर्क-वितर्क न करें। उनके वचनों को श्रद्धा से सुनें और अपनाएं।
-पूजन में दिखावा न करें। दिखावे से किया गया पूजन केवल औपचारिकता बनकर रह जाता है।
-सच्चे मन से श्रद्धा पूर्वक पूजन करें। मन, वचन और कर्म से गुरु की सेवा करें।

गुरु पूर्णिमा पर सफलता पाने के उपाय
सुबह जल्दी उठें और स्नान करें: स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें और घर के पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
अपने गुरु या गुरु स्वरूप भगवान की पूजा करें: अगर आपके जीवन में कोई वास्तविक गुरु हैं, तो उनके चरणों में फूल, फल, नारियल और वस्त्र अर्पित करें। अगर कोई गुरु नहीं है, तो भगवान विष्णु, भगवान दत्तात्रेय या भगवान शिव को गुरु स्वरूप मानकर पूजा करें। “ॐ गुरवे नमः” या “गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु...” मंत्र का 108 बार जाप करें।
गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं: इस दिन अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करने से गुरु कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
ज्ञान से जुड़े कार्य शुरू करें: यदि आप कोई नई पढ़ाई, कोर्स या आध्यात्मिक साधना शुरू करना चाहते हैं तो गुरु पूर्णिमा सबसे शुभ दिन होता है। इससे ज्ञान में वृद्धि होती है।
गुरु मंत्र या गुरु गीता का पाठ करें: जो लोग गुरु मंत्र धारण किए हुए हैं, वे इस दिन उसका जाप ज़रूर करें। गुरु गीता का पाठ करने से भी जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।
गुरुओं की सेवा या स्मरण करें: यदि आपके गुरु दूर हैं, तो उनका स्मरण करें और मन में उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। यह आत्मा को शांत करता है और ऊर्जा को सकारात्मक बनाता है।
इस दिन संकल्प लें: गुरु पूर्णिमा के दिन कोई अच्छा संकल्प लें- जैसे हर दिन पढ़ाई करना, नकारात्मकता से दूर रहना, या दूसरों की मदद करना। संकल्प को निभाना ही सच्ची गुरु भक्ति है।