क्यों मनाया जाता है लोहड़ी का त्यौहार? जानिए दुल्हा भट्टी की भी कहानी
punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 03:19 PM (IST)
पंजाब ही नहीं पूरे उत्तर भारत में लोहड़ी और मकर संक्राति की तैयारियां पूरी धूम धाम से चल रही है। मकर संक्राति के मौके पर पूरे भारत में पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है। तो वहीं लोहड़ी के मौके पर बच्चे घर-घर में जाकर लोगों से लोहड़ी मांगते है और शाम के समय लोहड़ी दहन करते है। चलिए आज हम आपको बताते है कि लोहड़ी का त्योहार क्यों मनाया जाता है और इनकी पूजा का शुभ मुर्हूत क्या है?
लोहड़ी पूजन का समय
इस बार लोहड़ी को लेकर लोगों में काफी कंफ्यूजन है क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि इस बार लोहड़ी 14 की है तो कुछ का मानना है की लोहड़ी 13 जनवरी की है। वहीं पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश,दिल्ली और जम्मू कश्मीर के अधिकतर जगहों पर लोहड़ी 13 जनवरी को सेलिब्रेट की जा रही है। लोहड़ी पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 45 मिनट के बाद शुरु होता है।
क्यों मनाई जाती है लोहड़ी ?
लोहड़ी मनाने के पीछे कई किस्से और कहानियां सुनाई जाती हैं लेकिन सबसे प्रसिद्ध किस्सा दूल्ला भट्टी के साथ जुड़ा है। इस कहानी के अनुसार कहा जाता है कि दूल्हा भट्टी नाम का एक डाकू था, जो लूटपाट करके जोड़े गए पैसों से गरीब लोगों की मदद करता था। उसने एक बार मुश्किल समय में सुंदरी और मुंदरी दो अनाथ बहनों की मदद की। जिनको उसके चाचा ने जमीदारों को सौंप दिया था। दूल्हे ने उन्हें जमीदारों के चंगुल से छुड़ाया। उसके बाद लोहड़ी की रात आग जलाकर उनकी शादी करवा दी और एक सेर शक्कर उनकी झोली में डालकर विदाई की। माना जाता है कि इसी घटना के कारण लोग लोहड़ी का त्यौहार मनाते हैं। दूल्हा भट्टी को आज भी प्रसिद्ध लोक गीत ‘सुंदर-मुंदिरए’ गाकर याद किया जाता है।
लोहड़ी का प्रसिद्ध गीत
लोहड़ी के त्यौहार पर ‘सुंदर मुंदरिए ...हो तेरा कौन बेचारा’ प्रसिद्ध गीत गाया जाता है। इस गीतो गाकर बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मागतें हैं।
कैसे मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार
इस दिन लोग मूंगफली, गुड़, तिल और गजक खाते है। इसके बाद घर के बाहर इक्ट्ठे होकर लोहड़ी जला कर उसमें मूंगफली, गजक, तिल और मक्का डालकर परिक्रमा डालते है। लोग इसके चारो ओर लोकगीत गाते है। वहीं नए जोड़े अपनी खुशहाल जिदंगी की कामना करते है।
स्कूल-कॉलेज में आयोजित है प्रोग्राम
लोहड़ी के मौके पर राज्य के हर स्कूल और कॉलेज में लोहड़ी से संबंधी प्रोग्राम का आयोजन किया जाता है। बच्चे अपने दोस्तो के साथ मिलकर लोहड़ी सेलिब्रेट करते है और एंजॉय करते है। लड़कियां पंजाबी मुटियार की तरह फुलकारी सूट, पंजाबी जूती पहन कर पहुंचती है और बोलियां डालती है।