क्या आप भी सर्दी में ठंडे पानी से नहाते हैं? जानिए क्यों यह हो सकता है दिल के लिए खतरनाक!
punjabkesari.in Sunday, Dec 22, 2024 - 11:49 AM (IST)
नारी डेस्क: सर्दी का मौसम आते ही लोग अपने दिनचर्या में बदलाव करते हैं। रजाई में लिपटकर सोना, गर्म कपड़े पहनना और गर्म पानी से नहाना आदत बन जाती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सर्दी में भी ठंडे पानी से नहाना पसंद करते हैं, यह सोचकर कि इससे शरीर में ताजगी और ऊर्जा बनी रहती है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सर्दियों में ठंडे पानी से नहाना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है, और यह हार्ट अटैक जैसे गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।
ठंडे पानी से नहाने से दिल पर असर
ठंड के मौसम में जब तापमान गिरता है, तो शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ठंड के प्रभाव में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और दिल को ऑक्सीजन की आपूर्ति भी कम हो जाती है। अगर किसी व्यक्ति की धमनियां पहले से संकरी हैं, तो ठंड के कारण वे और ज्यादा सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त प्रवाह और भी धीमा हो जाता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
क्यों बढ़ जाता है सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा?
एक अध्ययन के मुताबिक, सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा 31% बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह समस्या खासतौर पर उन लोगों के लिए ज्यादा जोखिम भरी हो सकती है, जो पहले से ही किसी दिल की बीमारी से पीड़ित हैं। ठंड में जब शरीर पर ठंडा पानी अचानक पड़ता है, तो रक्त वाहिकाएं और धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
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ठंडे पानी से नहाने का प्रभाव
ठंडे पानी से नहाने से शरीर पर कई तरह के प्रभाव हो सकते हैं
ब्लड प्रेशर में वृद्धि: ठंडे पानी से नहाने से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
दिल पर अतिरिक्त दबाव: जब रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, तो दिल को रक्त पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
हार्ट अटैक का खतरा: अगर धमनियों में पहले से ही कोई रुकावट या संकुचन है, तो ठंडे पानी से नहाने पर वे और ज्यादा सिकुड़ सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक: अगर रक्त प्रवाह मस्तिष्क तक सही से नहीं पहुंचता, तो ब्रेन स्ट्रोक की समस्या भी हो सकती है।
किसे बचना चाहिए ठंडे पानी से नहाने से?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठंडे पानी से नहाना उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, जो पहले से किसी दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे लोगों को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए। इसके अलावा, बुजुर्गों और बच्चों को भी ठंडे पानी से नहाने से दूर रहना चाहिए, क्योंकि उनकी शरीर की सुरक्षा प्रणाली उतनी मजबूत नहीं होती।
क्या करें, ताकि सेहत बनी रहे?
गर्म पानी से नहाना: सर्दी में हमेशा गर्म पानी से ही नहाएं, इससे शरीर को आराम मिलेगा और दिल पर दबाव नहीं पड़ेगा।
मध्यम तापमान बनाए रखें: अगर ठंडे पानी से नहाना पसंद है, तो पानी का तापमान थोड़ा सा ठंडा न रखें, बल्कि गर्मी और ठंडे पानी का संतुलन बनाकर नहाएं।
स्वस्थ आहार और व्यायाम: ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें। यह दिल को स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
सर्दी में ठंडे पानी से नहाना ताजगी का अहसास जरूर कराता है, लेकिन यह शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, खासकर दिल पर। ठंडे पानी से नहाने से रक्त वाहिकाओं के सिकुड़ने और ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा होता है, जो हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए, सर्दी में अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए, खासकर अगर आपको दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं।