पिंडलियों में  Blood Clot, जानें क्यों होता है और इससे कैसे बचें

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 06:03 PM (IST)

नारी डेस्क: अपने समय की मशहूर अभिनेत्री और दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो इन दिनों एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं। उम्र बढ़ने के साथ उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। सायरा बानो की पिंडलियों में ब्लड क्लॉट्स (रक्त का थक्का) बनने की वजह से उन्हें चलने-फिरने में परेशानी हो रही है।

पिंडलियों में दर्द और ब्लड क्लॉट का कारण

सर्दियों में पिंडलियों में दर्द और जकड़न होना आम समस्या है, लेकिन ब्लड क्लॉट्स की वजह से यह समस्या गंभीर हो सकती है। ब्लड क्लॉट बनने के कुछ प्रमुख कारण हैं-

चोट या आघात

चोट लगने से रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे खून का थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या विशेष रूप से तब होती है जब चोट गहरी हो और लंबे समय तक ठीक न हो। आघात से मांसपेशियों में खिंचाव भी होता है, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है।

PunjabKesari

धूम्रपान

धूम्रपान करने से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह बाधित होता है। इससे रक्त गाढ़ा होने लगता है और थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, धूम्रपान से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे दिल और रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

मोटापा

मोटापा रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे खून का प्रवाह धीमा हो सकता है। अधिक वजन के कारण शरीर में सूजन और सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं की रुकावट हो सकती है। इससे न केवल ब्लड क्लॉट्स का खतरा बढ़ता है, बल्कि अन्य हृदय रोगों की संभावना भी अधिक होती है।

PunjabKesari

ये भी पढ़ें: सर्दियों में बिस्तर से उठते ही करें ये काम, दिल का रखें खास ख्याल, उठते ही ध्यान दें इन बातों पर

पारिवारिक इतिहास

यदि परिवार में किसी को ब्लड क्लॉट की समस्या रही हो, तो इसका खतरा आनुवांशिक रूप से बढ़ सकता है। यह समस्या तब अधिक गंभीर हो जाती है, जब परिवार में अन्य बीमारियां, जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, या हाई ब्लड प्रेशर, पहले से मौजूद हों।

लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना

यदि आप लंबे समय तक बैठे या खड़े रहते हैं, तो खून का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे रक्त वाहिकाओं में थक्का जम सकता है। यह समस्या विशेष रूप से उन लोगों में अधिक होती है, जो कार्यालय में लंबे समय तक काम करते हैं या यात्रा के दौरान घंटों तक एक ही स्थिति में रहते हैं।

PunjabKesari

तनाव

अत्यधिक मानसिक तनाव रक्तचाप बढ़ा सकता है, जिससे रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो रक्त को गाढ़ा करने और थक्का जमने का खतरा बढ़ा देता है।

शारीरिक निष्क्रियता

अगर आप नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते, तो मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और रक्त प्रवाह धीमा हो सकता है। यह स्थिति ब्लड क्लॉट्स के खतरे को बढ़ाती है, खासकर पिंडलियों और पैरों में।

PunjabKesari

गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में रक्त प्रवाह धीमा हो सकता है, जिससे ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, हार्मोनल बदलाव और बढ़ते वजन के कारण रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है।

हार्मोनल दवाइयां

कई बार हार्मोनल दवाइयां, जैसे कि गर्भनिरोधक गोलियां, रक्त गाढ़ा करने का कारण बन सकती हैं। इससे रक्त वाहिकाओं में थक्का जमने की संभावना बढ़ जाती है।

डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर

डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां रक्त वाहिकाओं को कमजोर बना सकती हैं। इससे खून का प्रवाह बाधित होता है और ब्लड क्लॉट्स बनने का खतरा बढ़ता है। इन सभी कारणों को समझकर समय रहते सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली, और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेना ब्लड क्लॉट्स जैसी गंभीर समस्याओं से बचा सकता है।

PunjabKesari

ब्लड क्लॉट्स के लक्षण

अचानक दर्द का महसूस होना

ब्लड क्लॉट्स का सबसे सामान्य लक्षण अचानक किसी अंग, खासकर पैरों या पिंडलियों में दर्द महसूस होना है। यह दर्द मांसपेशियों में खिंचाव जैसा महसूस हो सकता है और धीरे-धीरे बढ़ता है।

सूजन और लालिमा

ब्लड क्लॉट के कारण प्रभावित क्षेत्र में सूजन आ सकती है। पिंडलियों या पैरों की त्वचा लाल हो जाती है और छूने पर गर्म महसूस होती है। यह लक्षण रक्त प्रवाह बाधित होने का संकेत हो सकता है।

PunjabKesari

अंग में गर्मी महसूस होना

जहां पर ब्लड क्लॉट्स बना होता है, वहां की त्वचा सामान्य से अधिक गर्म महसूस हो सकती है। यह शरीर में सूजन और रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण होता है।

सांस लेने में दिक्कत

अगर ब्लड क्लॉट्स शरीर के अन्य हिस्सों से फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं, तो यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है। इसमें सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द और तेज़ धड़कन जैसे लक्षण हो सकते हैं।

पैर या अंग में कमजोरी और सुन्नता

ब्लड क्लॉट्स के कारण रक्त संचार बाधित हो सकता है, जिससे प्रभावित क्षेत्र में कमजोरी, भारीपन, या सुन्नता महसूस हो सकती है।

PunjabKesari

त्वचा का रंग बदलना

ब्लड क्लॉट के प्रभाव से त्वचा का रंग हल्का नीला या बैंगनी हो सकता है। यह संकेत है कि रक्त संचार बाधित हो गया है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ब्लड क्लॉट्स समय पर इलाज न होने पर जानलेवा साबित हो सकते हैं। ब्लड क्लॉट्स के इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का सेवन और नियमित फिजियोथेरेपी से मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है। इसके

अलावा-

1. गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत हो सकती है।

2. लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने से बचें और पिंडली को आराम दें।

3. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, धूम्रपान छोड़ें, और नियमित रूप से व्यायाम करें।

4. हेल्दी खानपान से शरीर को मजबूत बनाए रखें।

5. सर्दियों में पिंडलियों के दर्द से बचने के उपाय

6. ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें।

7. पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट रहे।

8. नियमित एक्सरसाइज से मांसपेशियों को मजबूत करें।

9. पिंडलियों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए हल्की मसाज करें।

सायरा बानो की स्थिति हमें इस बात का एहसास कराती है कि उम्र बढ़ने के साथ शरीर का ध्यान रखना कितना जरूरी है। ब्लड क्लॉट्स जैसी समस्याओं से बचने के लिए समय रहते सावधानियां बरतें और जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

 

 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static