क्या हैं Contraceptive Pills के साइड इफेक्ट्स? महिलाओं के लिए जरूरी जानकारी
punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2024 - 10:41 AM (IST)
नारी डेस्क: आजकल ज्यादातर महिलाएं प्रेगनेंसी को रोकने के लिए गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि ज्यादातर गर्भनिरोधक गोलियां गर्भाशय (Uterus) के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए हानिकारक होती हैं। गर्भनिरोधक के रूप में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला गर्भनिरोधक गोलियां हैं, लेकिन ये गोलियां उन महिलाओं के लिए बहुत हानिकारक हैं जो किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं। गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं के हार्मोन के लेवल को प्रभावित करती हैं, जिससे कई तरह के साइड इफेक्ट होते हैं। ये प्रभाव आमतौर पर 2-3 महीनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई बार ये लगातार बने रह सकते हैं।यहां हम आपको गर्भनिरोधक गोलियों से होने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स बतायेंगे जो महिलाओं के शरीर पर असर डालते हैं।
मूड स्विंग्स (Mood Swings)
गर्भनिरोधक गोलियां हार्मोनल बदलावों को प्रभावित करती हैं, जिसके कारण महिलाओं को मूड स्विंग्स (Mood Swings) का सामना करना पड़ सकता है। कभी खुशी का अहसास और कभी चिड़चिड़ापन या गुस्सा महसूस हो सकता है।
वजन बढ़ना
कुछ महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद वजन बढ़ने का अनुभव हो सकता है। यह हार्मोनल चेंज के कारण हो सकता है, जो शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ा देता है और खाने की इच्छा को भी प्रभावित कर सकता है।
त्वचा संबंधी समस्याएं
कुछ महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद त्वचा पर मुंहासे (Acne) या पिगमेंटेशन (Pigmentation) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह गोलियों के हार्मोनल प्रभावों के कारण हो सकता है।
पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग
गर्भनिरोधक गोलियों के कारण पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग हो सकता है। यह हार्मोनल बदलाव के कारण होता है और आमतौर पर गोलियां शुरू करने के पहले कुछ महीनों में देखा जाता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।ॉ
उल्टी और मतली (Nausea)
गर्भनिरोधक गोलियां कुछ महिलाओं में उल्टी और मतली का कारण बन सकती हैं। यह आमतौर पर शुरुआती दिनों में होता है जब शरीर इन गोलियों के प्रति आदत डाल रहा होता है।
सिर दर्द और माइग्रेन
हार्मोनल असंतुलन के कारण कुछ महिलाओं को सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या हो सकती है। यह गोलियाँ लेने के दौरान आम है, खासकर अगर महिला को पहले से सिर दर्द की समस्या हो।महिला सेक्स हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) में बदलाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
ब्लड क्लॉट्स और ब्लीडिंग
गर्भनिरोधक गोलियां रक्त की गाढ़ीकरण (blood clotting) की संभावना को बढ़ा सकती हैं। इससे गहरी वेन थ्रोंबोसिस (Deep vein thrombosis) या पल्मोनरी एंबोलिज्म (Pulmonary embolism) जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यही नहीं, कुछ महिलाओं को अनियमित रक्तस्राव (Irregular bleeding) का सामना भी हो सकता है।
प्रजनन क्षमता (Fertility)में टेंपरेरी चेंज
गर्भनिरोधक गोलियां लेने से कुछ महिलाओं की प्रजनन क्षमता अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है। यह पूरी तरह से गोलियां छोड़ने के बाद सामान्य हो जाता है, लेकिन कुछ महिलाओं को गर्भधारण में देर हो सकती है।
सेक्स ड्राइव में कमी
कुछ महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद यौन इच्छा में कमी महसूस हो सकती है। यह भी हार्मोनल बदलावों के कारण होता है, जो महिला के सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकता है।
संतुलन में कमी और कमजोरी
कभी-कभी महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद शरीर में कमजोरी, थकान और चक्कर आना महसूस हो सकता है। इससे दिनचर्या में परेशानी हो सकती है।
हालांकि गर्भनिरोधक गोलियां प्रेगनेंसी रोकने का एक प्रभावी तरीका हैं, लेकिन इनसे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर कोई महिला इन गोलियों का सेवन कर रही है और उसे कोई समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।