डायबिटीज़ के बावजूद महिलाएं बन सकती हैं मां, जानिए प्रेगनेंसी प्लानिंग के सही तरीके

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 12:34 PM (IST)

नारी डेस्क: क्या डायबिटीज़ होने पर महिलाएं मां बन सकती हैं? यह सवाल कई महिलाओं के मन में उठता है। डायबिटीज़ के साथ प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) को सही तरीके से प्लान करना जरूरी है ताकि मां और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रहे। हम यहां जानेंगे कि डायबिटीज़ होने पर प्रेगनेंसी कैसे प्लान करें, क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी है।

प्रेगनेंसी के लिए सही प्लानिंग की ज़रूरत

अगर आप डायबिटिक (डायबिटीज़) हैं और मां बनने का सोच रही हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी ब्लड शुगर लेवल्स को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है। जब शुगर लेवल्स उच्च होते हैं, तो गर्भाधान (conception) और प्रेगनेंसी के दौरान समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन अगर शुगर लेवल्स नियंत्रित होते हैं, तो कंसीव (गर्भधारण) करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस विषय में आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी।"

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प्री- कंसीप्शन (गर्भधारण से पहले की तैयारी)

दोनों का सहमति जरूरी: गर्भधारण के लिए महिला और उसके पार्टनर का एक साथ सहमत होना बहुत जरूरी है। यदि दोनों सहमत हैं, तो डॉक्टर से अपनी ब्लड शुगर लेवल्स की जांच करवाएं।

दवाइयां और उपचार: अगर आप शुगर लेवल्स को कंट्रोल करने के लिए दवाइयां ले रही हैं, तो यह जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या ये दवाइयां गर्भधारण के लिए सुरक्षित हैं। मेटफोर्मिन दवा प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित मानी जाती है।

वजन और आहार पर ध्यान: वजन घटाना, संतुलित आहार लेना, शुगर का सेवन कम करना और शराब, धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ना जरूरी है। इसके अलावा, अगर दिल, किडनी या लीवर जैसी अन्य समस्याएं हैं, तो उन्हें भी गर्भधारण से पहले नियंत्रित करना आवश्यक है।

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कंसीप्शन (गर्भधारण)

यदि आपका शुगर लेवल नियंत्रित है, जैसे बिना खाए 70 mg/dl और खाने के बाद 140 mg/dl, तो आपका डॉक्टर आपको गर्भधारण के लिए हां कह सकता है। फर्टाइल पीरियड में सेक्स करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। शुगर लेवल नियंत्रित रहने के बाद आप दो से तीन महीने में गर्भधारण कर सकती हैं, लेकिन उसके बाद शुगर लेवल उच्च नहीं होना चाहिए।

प्रेगनेंसी के दौरान विशेष सावधानियां

यदि आप प्रेगनेंट हो जाती हैं, तो आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है। उच्च ब्लड शुगर से मां और बच्चे दोनों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दी जा रही हैं जो आपकी प्रेगनेंसी को सुरक्षित और स्वस्थ रखने में मदद करेंगी

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 संतुलित आहार लें

प्रेगनेंसी के दौरान यह सामान्य मिथक है कि "दो लोगों का खाना" खाएं, लेकिन यह सच नहीं है। आपको अधिक कैलोरी वाले फूड्स का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक कैलोरी खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है, जो गर्भपात और बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके बजाय, आपको संतुलित आहार की आवश्यकता है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स शामिल हों। यदि आपको अधिक भूख लगती है, तो इसे नियंत्रित करने के लिए किसी न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें। यह भी सुनिश्चित करें कि आपका आहार ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा से भरा हो। इनसे आपका ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा और बच्चे का विकास सही तरीके से होगा।

फॉलिक एसिड और विटामिन्स लें

प्रेगनेंसी के दौरान फॉलिक एसिड का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है। यह बच्चे के तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए आवश्यक है और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स (जैसे स्पाइना बिफिडा) से बचने में मदद करता है। आपको प्रतिदिन 400 माइक्रोग्राम (mg) फॉलिक एसिड लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, अन्य विटामिन्स और खनिज जैसे आयरन, कैल्शियम, और विटामिन डी भी बच्चे की हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन सभी जरूरी सप्लीमेंट्स को समय पर और सही मात्रा में लेना सुनिश्चित करें, ताकि आपका और आपके बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर रहे।

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 ब्लड शुगर की नियमित जांच करें

आपका ब्लड शुगर स्तर प्रेगनेंसी के दौरान नियंत्रित रहना अत्यंत आवश्यक है। उच्च शुगर लेवल से बच्चे के अंगों का विकास प्रभावित हो सकता है और गर्भपात का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए, आपको नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करानी चाहिए। विशेष रूप से प्रेगनेंसी के पहले 13 हफ्तों में बच्चे के महत्वपूर्ण अंगों का विकास होता है, और इस दौरान उच्च शुगर की वजह से अंगों के विकास में समस्या आ सकती है। इसके अलावा, दूसरे ट्राइमेस्टर में भी ब्लड शुगर की जांच नियमित रूप से करवाएं, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या का समय पर पता चल सके। यदि शुगर लेवल कंट्रोल नहीं हो पा रहा है, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।

व्यायाम करें

रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। प्रेगनेंसी के दौरान 15 से 30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज करें, जैसे पैदल चलना, स्विमिंग, या योग। व्यायाम से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है, और साथ ही यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है। व्यायाम करने से आपका वजन भी नियंत्रित रहता है, जो प्रेगनेंसी में बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप किसी विशेष व्यायाम को लेकर संकोच करती हैं या सुनिश्चित नहीं हैं, तो एक विशेषज्ञ से सलाह लें।

 बुरी आदतें छोड़ें

प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह आदतें सिर्फ आपकी सेहत ही नहीं, बल्कि आपके बच्चे की सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। धूम्रपान से प्लेसेंटा (संतान के विकास के लिए जरूरी अंग) को नुकसान हो सकता है और इससे बच्चे में श्वसन समस्याएं, कम वजन, और अन्य विकासात्मक समस्याएं हो सकती हैं। शराब पीने से बच्चे के मस्तिष्क के विकास में रुकावट आ सकती है और मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, इन बुरी आदतों को तुरंत छोड़ दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, ताकि आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहें।

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इन सभी टिप्स को ध्यान में रखते हुए, आप अपनी प्रेगनेंसी को स्वस्थ और सुरक्षित बना सकती हैं। सही खानपान

 नियमित व्यायाम और बुरी आदतों से छुटकारा पाकर आप न केवल अपनी सेहत को बनाए रखेंगी, बल्कि बच्चे का सही विकास भी सुनिश्चित कर सकेंगी। साथ ही, डॉक्टरी सलाह और नियमित चेक-अप से किसी भी समस्या का समय पर पता चल सकेगा, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत पर कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा।

प्रेगनेंसी के दौरान थोड़ी सी सावधानी और सही देखभाल से आप एक स्वस्थ और खुशहाल गर्भावस्था का अनुभव कर सकती हैं। डायबिटीज़ के बावजूद महिलाएं मां बन सकती हैं, लेकिन इसके लिए सही समय पर सही तैयारी, डॉक्टर की सलाह, और शुगर लेवल्स का नियंत्रण बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ प्रेगनेंसी के लिए सही आहार, दवाइयां, और लाइफस्टाइल में बदलाव करना आवश्यक है।
 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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