Vastu Shastra: बैठे-बैठे पैर हिलाना क्यों माना जाता है अशुभ? वजह जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे
punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2024 - 10:23 AM (IST)
नारी डेस्क: हमारे दादी-नानी पुरानी मान्यताओं और परंपराओं को आज भी दिल से मानती हैं। वे हमें भी इन पर चलने की सलाह देती हैं, जो उनके जीवन के अनुभव और ज्ञान पर आधारित होती है। कई बार उनकी बातें हमें साधारण या अटपटी लग सकती हैं, लेकिन उनके पीछे गहरी वजह छिपी होती है। ऐसी ही एक बात है बैठकर पैर हिलाने से मना करना।
बैठकर पैर हिलाने की आदत पर क्यों रोक लगाती हैं दादी-नानी?
बहुत से लोगों को सोफे, कुर्सी या पलंग पर बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत होती है। यह आदत अक्सर अनजाने में होती है, लेकिन दादी-नानी इसे तुरंत रोक देती हैं। इसके पीछे धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण जुड़े हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।
धार्मिक दृष्टिकोण से पैर हिलाना क्यों अशुभ माना जाता है?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, बैठकर पैर हिलाने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और यह मां लक्ष्मी को नाराज कर सकती है। इससे धन-संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं और घर में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पैर हिलाने वाले लोगों की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है, जिससे उनके जीवन में तनाव, अशांति और बीमारियां बढ़ सकती हैं। खासकर शाम के समय पैर हिलाना अधिक अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह समय सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने का होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
पैर हिलाने की आदत सेहत के लिए नुकसानदायक मेडिकल साइंस में इस आदत को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम कहा जाता है, जो एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह समस्या शरीर में आयरन की कमी का संकेत देती है। लगातार पैर हिलाने से हार्ट अटैक, किडनी की समस्या और पार्किंसंस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इससे नींद की समस्या भी हो सकती है और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
दादी-नानी की बातों का पालन क्यों करें?
दादी-नानी की बातें सिर्फ परंपरा या अंधविश्वास नहीं होतीं, बल्कि उनके पीछे धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक तर्क छिपे होते हैं। उनकी बातों का पालन करने से न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि घर की सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। पैर हिलाने जैसी आदत को नियंत्रित करना न केवल शुभ है, बल्कि यह सेहत के लिए भी जरूरी है।
बैठकर पैर हिलाने की आदत भले ही आपको साधारण लगती हो, लेकिन इसके पीछे गहरे धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण हैं। दादी-नानी की सलाह पर ध्यान देना हमेशा हमारे लिए फायदेमंद होता है। इसलिए इस आदत को छोड़ने की कोशिश करें और अपने जीवन में सकारात्मकता और सेहत बनाए रखें।