जानिए आखिर क्यों छोटा हो रहा भारत का यह सुंदर पड़ोसी देश?
punjabkesari.in Tuesday, Sep 15, 2020 - 05:20 PM (IST)
मालदीव अरब सागर में बसा बेहद ही सुंदर और आकर्षित देश है। इसकी खूबसूरत वादियों का मजा लेने लोग दूर-दूर से आते हैं। चारों तरफ फैले खुले समुंदर से इसकी खूबसूरती और भी निखर कर सामने आती है। मगर आज भारत का यह पड़ोसी देश अपने आकार से कम होता जा रहा है या यूं कहें कि इस देश अब सिकुड़ता जा रहा है। पिछले कुछ सालों में यहां पर बसे छोटे- छोटे करीब 1000 द्वीपों को समुंद ने निगल लिया है। ये द्वीप समुंद के अंदर डूबते जा रहें हैं। शायद यह पूरी दुनिया का ऐसा पहला और आखिरी देश है तो दिन प्रतिदिन अपने आकार से कम हो सिकुड़ता जा रहा है। तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से...
मालदीव की 80 प्रतिशत जगह समुद्र के पास
यहां हम आपको बता दें कि मालदीव का कुल 80 प्रतिशत भाग ठीक समुद्र तट के किनारे पर है। जहां यह पूरी दुनिया में अपने लग्जरी बीचेज से मशहूर है। समुद्र के किनारे पर घूमने का एक अलग ही मजा है। बात अगर समुद्र के पानी की करें तो नीले रंग का पानी किसी का भी ध्यान अपनी ओर खिंचने का काम करते हैं और अलग- अलग व सुंदर रिसोर्ट्स में रहने का मजा ही अलग है। मगर जानकारी के अनुसार इसका करीब 80 प्रतिशत हिस्सा समुद्र के बहुत ही पास आ गया है। ऐसे में यह किसी खतरे से कम नहीं।
कुल 1200 द्वीपों को डूबने का खतरा
एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव पर करीब 1200 ऐसे द्वीप बने हैं, जो जल्दी ही पानी की चपेट में आकर तबाह हो सकते हैं। इस बात पर गौर करते हुए इसके बारे में मालदीव के उपराष्ट्रपति ने वर्ल्ड बैंक से भी इसके बारे में बात की थी। साथ ही कहा था कि मालदीव के ऊपर समुद्र में डूब जाने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में इसे बचाने की कोशिश करनी चाहिए।
बदलते मौसम के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा
इसके पीछे की मुख्य वजह मौसम में आने वाला बदलाव है। इसके अलावा यहां के सभी द्वीप बहुत ही नीचे की ओर बने हैं। इसके अलावा मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इस बात का जिक्र किया कि वे किसी सुरक्षित स्थान पर जगह खरीदने की सोच रहे हैं। ताकि अगर कहीं कोई संकट आए तो यहां के नागरिक इस जगह पर जाकर यह सके। साथ ही डूबने से बच सके।
नया शहर विकसित करने की तैयारी
समुद्र में डूबने के इस खतरे को टालने के लिए यहां की जियो इंजीनियरिंग के माध्यम से समुद्र के ठीक बीच एक नया शहर बनाया जा रहा है। इसे बनाने में लाखों क्यूबिक मीटर बालू का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसे सिटी ऑफ होप यानी हुलहुमाले के नाम से नवाजा गया है।