बच्चों के जन्म को लेकर इन देशों में बने अजीबो-गरीब रिवाज, सुनकर आप भी होंगे हैरान
punjabkesari.in Monday, Oct 12, 2020 - 06:39 PM (IST)
किसी भी घर में बच्चे की किलकारियां गूंजने से अलग ही खुशी का माहौल छा जाता है। ऐसे में लोग अपनी खुशी को जाहिर करने के लिए परिवार के सभी सदस्यों को इक्ट्ठा कर इसे अलग- अलग तरीकों से मनाते हैं। मगर दुनिया में बहुत- सी जगह पर बच्चे के जन्म के बाद अजब-गजब रस्मों व रिवाजों को मानने की प्रथा प्रचलित है। इसके पीछे उनका कहना है कि इन रस्मों को निभाने से बच्चे का बुरी नजर से बचाव रहने के साथ उसे जीवन में परेशानियों का सामना नहीं कर ना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं बच्चे के जन्म से जुड़े कुछ अजीबोगरीब रिवाजों के बारे में...
बाली
बाली जो कि इंडोनेशिया का एक द्वीप कहलाता है, वहां भी बच्चे के जन्म के बाद कुछ अलग परंपरा निभाई जाती है। यहां पर करीब 3 महीने तक बच्चे को जमीन के साथ स्पर्श करने की मनाही होती है। ऐसे में जन्म के 3 महीनों तक नवजात को गोद या बेड पर में ही रखा जाता है। वहां के लोगों का इस बात पर कहना है कि इसतरह बच्चे का संपर्क दूसरी दुनिया के साथ कायम रहता है।
चीन
भारत के पड़ौसी देश चीन में बच्चे के जन्म के बाद मां को 1 महीने के लिए परिवार से अलग रहने की रस्म- निभाई जाती है। साथ ही इन दिनों में महिला को कहीं भी जाने की मनाही होती है। ऐसे में उसे पूरे महीने कमरे के अंदर ही रहना पड़ता है। इसके अलावा मां को नहाने और कच्चे फलों को खाने के लिए भी रोक लगाई जाती है। बात अगर चीनी भाषा की करें तो वहां पर इसे समय को Zuo yuezi के नाम से पुकारा जाता है।
जापान
दुनियाभर का सबसे विकसित देश जापान की बात करें तो यहां पर बच्चे के जन्म के बाद उसकी गर्भनाल को संभाल कर रखा जाता है। वे उसे मां के साथ जु़ड़ा हुआ मानने से इसे खासतौर पर महत्व व सम्मान देते हैं। ऐसे में वे बच्चे की गर्भनाल को फेंकने की जगह किसी डिब्बे में बंद कर संभाल कर रखते हैं। गर्भनाल को जापानी भाषा में heso-no-o यानी पेट की पूंछ कहा जाता है।
नाइजीरिया, घाना और अफ्रीका
नाइजीरिया, घाना और अफ्रीका में बच्चे के जन्म के बाद उसकी गर्भनाल से संबंधित रस्म निभाई जाती है। वहां के लोग गर्भनाल को बच्चे से अलग कर देने के बाद उसका शोक मनाते हैं। बात अगर अफ्रीका के लोगों की करें तो वे गर्भनाल को बच्चे का जुड़वा भाई या बहन समझते हैं। ऐसे में वे गर्भनाल को नवजात से अलग करने के बाद उसका शोक मनाते हुए रीति- रिवाजों के साथ उसे किसी पेड़ के नीचे दफना देते हैं।