पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के होटल में रेड, जानें आधी रात को क्या हुआ...
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 05:25 PM (IST)
नारी डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले, रोहतास जिले की काराकाट विधानसभा सीट अचानक राजनीतिक तूफान का केंद्र बन गई है। भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी और निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति सिंह के बिक्रमगंज स्थित होटल में सोमवार देर रात प्रशासनिक टीम ने अचानक छापेमारी (रेड) की। इस कार्रवाई के बाद इलाके में सियासी हलचल तेज हो गई है। ज्योति सिंह ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया और आरोप लगाया कि उन्हें चुनावी माहौल में मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
महिला पुलिस के बिना हुई रेड, यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन – ज्योति सिंह
ज्योति सिंह ने बताया कि जब प्रशासनिक टीम होटल में पहुंची, तो उनके साथ कोई महिला पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थी। उन्होंने कहा – "मेरे कमरे में बिना महिला पुलिस फोर्स के प्रवेश किया गया। यह न केवल मेरे अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि मुझे मानसिक रूप से परेशान करने की कोशिश भी है।" उन्होंने यह भी दावा किया कि यह पूरी कार्रवाई सत्तारूढ़ खेमे के दबाव में की गई है ताकि उन्हें चुनाव प्रचार से रोका जा सके।
प्रशासन की चुप्पी, विपक्षी दलों के तीखे सवाल
अब तक पुलिस और प्रशासन की ओर से इस छापेमारी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, विपक्षी पार्टियां और ज्योति सिंह के समर्थक इसे एक राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से चर्चा में है, जहां लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
काराकाट बना चुनावी रणक्षेत्र
काराकाट सीट इस बार बिहार की सबसे चर्चित विधानसभा सीटों में से एक बन चुकी है। 2020 में यहां भाकपा (माले) और भाजपा के बीच सीधी टक्कर थी, लेकिन इस बार ज्योति सिंह के निर्दलीय उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। ज्योति सिंह अपने प्रचार में खुद को “काराकाट की बहू” बताकर भावनात्मक वोट बैंक को लुभा रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ज्योति सिंह
की लोकप्रियता, खासकर महिलाओं और युवा वोटर्स में, इस सीट के पारंपरिक जातीय समीकरणों को पूरी तरह बदल सकती है।
दबाव के आगे नहीं झुकूंगी – ज्योति सिंह
ज्योति सिंह ने कहा कि चाहे जितना भी दबाव बनाया जाए, वह पीछे नहीं हटेंगी। मुझे जनता का समर्थन मिल रहा है और मैं सच्चाई की लड़ाई लड़ रही हूं। यह डराने-धमकाने की कोशिश है, लेकिन मैं काराकाट की बेटी हूं, झुकूंगी नहीं।
प्रशासन की चुप्पी और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच काराकाट सीट पर सियासी पारा चढ़ चुका है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस छापेमारी को लेकर प्रशासन कब और क्या स्पष्टीकरण देता है।

