सिर्फ Diabetes नहीं, कई बड़ी बीमारियों का इलाज है जामुन की गुठली, खाना कैसे पढ़िए?
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 06:08 PM (IST)

नारी डेस्क: ज़रूरी नहीं कि हर काम की दवा सिर्फ मेडिकल स्टोर से ही मिले। हमारे आस-पास कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय भी होते हैं जो चुपचाप अपना असर दिखाते हैं। उन्हीं में से एक है जामुन की गुठली। जामुन का स्वाद तो आपने खूब चखा होगा लेकिन क्या कभी इसकी गुठली को ध्यान से देखा है? आयुर्वेद के अनुसार, ये छोटी-सी गुठली बड़ी-बड़ी बीमारियों में काम आ सकती है। डायबिटीज से लेकर पेट की गड़बड़ी, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और यहां तक कि त्वचा की समस्याओं में भी यह बेहद फायदेमंद मानी जाती है। अगर आप भी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या दवाओं से थक चुके हैं, तो एक बार इस लेख को ज़रूर पढ़ें। शायद जामुन की ये गुठली आपके लिए किसी वरदान से कम न हो!
डायबिटीज (मधुमेह) में लाभदायक: जामुन की गुठली का चूर्ण रक्त शर्करा (blood sugar) को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। इसमें जैम्बोलिन और जैम्बोसिन नामक तत्व होते हैं, जो इंसुलिन की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं। यह अग्न्याशय (पैंक्रियास) को स्वस्थ रखता है और ब्लड शुगर को स्थिर करता है।
पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए: अम्लपित्त (acidity), गैस, कब्ज या डायरिया जैसी पाचन समस्याओं में जामुन की गुठली लाभदायक है। यह पाचन शक्ति बढ़ाति है और पेट में संक्रमणों को ठीक करने में मदद करती है।
मोटापे (Obesity) में मददगार: गुठली का सेवन मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है। यह शरीर में अतिरिक्त फैट जमा होने से रोकथाम करता है।
पेशाब सम्बंधित समस्याओं में उपयोगी: बार‑बार पेशाब आना, पेशाब में जलन या मूत्र संक्रमण (UTI) में इस का काढ़ा उपयोगी होता है। यह मूत्र प्रणाली (urinary tract) को साफ करता है और संक्रमण कम करता है।
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लिवर और किडनी स्वास्थ्य: जामुन की गुठली लिवर को डिटॉक्स करती है और किडनी से टॉक्सिन निकालने में सहायक होती है। कुछ मामलों में किडनी स्टोन (पथरी) के इलाज में भी इसे सहायक माना गया है।
त्वचा रोगों में असरदार: गुठली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो पिंपल्स, दाग-धब्बे और त्वचा संक्रमण में लाभदायक है। डायबिटिक रोगियों में जख्म जल्दी भरने में भी यह मदद करती है।
हाई ब्लड प्रेशर (High BP) में: यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है क्योंकि यह रक्तसंचार को ठीक रखती है।
किन्हें सावधानी रखनी चाहिए?
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें। जिन लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया (बहुत कम ब्लड शुगर) की समस्या है, उन्हें विशेषज्ञ की देखरेख में ही इसका उपयोग करना चाहिए। अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती है।
जामुन की गुठली का उपयोग कैसे करें?
चूर्ण (Powder): रोज़ सुबह खाली पेट एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।
काढ़ा (Decoction): गुठली को पानी में उबालकर पानी छान कर पी सकते हैं।
कैप्सूल फॉर्म: आयुर्वेदिक स्टोर्स में कैप्सूल के रूप में भी उपलब्ध है।
लेकिन किसी भी घरेलू इलाज की तरह, इसे ठीक तरीके से और सही मात्रा में उपयोग करना बहुत ज़रूरी है। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं या नियमित दवाइयों पर हैं तो इसे इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।