कम पानी पीने की आदत आपकी Kidney के लिए खतरनाक, इन गलतियों से ही बार-बार होती है पथरी
punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2025 - 06:23 PM (IST)
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नारी डेस्क: किडनी स्टोन आजकल एक आम समस्या बन गई है, बहुत से लोग इसका सामना कर रहे हैं। यह दर्दनाक समस्या तब होती है जब जब गुर्दे में कैल्शियम, ऑक्सेलेट्स, यूरिक एसिड और अन्य तत्वों के क्रिस्टल जमा हो जाते हैं। किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) की समस्या अक्सर कुछ गलत आदतों और आहार संबंधी भूलों के कारण होती है। आइए जानते हैं आपको किन गलतियों को करना से बचाना चाहिए जो आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं।
इन गलतियों के कारण होती है किडनी स्टोन की समस्या
अपर्याप्त पानी पीना (Dehydration):दिन भर में पानी कम पीने से मूत्र का उत्पादन घट जाता है, जिससे शरीर में खनिज जमा होने लगते हैं और स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है।
अधिक नमक का सेवन: ज़्यादा नमक लेने से शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ता है, जिससे कैल्शियम का उत्सर्जन भी बढ़ता है और यह गुर्दे में स्टोन का कारण बन सकता है।
अत्यधिक प्रोटीन युक्त आहार: खासकर जानवरों से प्राप्त प्रोटीन (मांस, मछली, अंडा) का अधिक सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है, जो स्टोन का खतरा बढ़ा सकता है।
उच्च ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ: कुछ खाद्य जैसे पालक, चुकंदर, चाय, और नट्स में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है। अगर इनका अत्यधिक सेवन हो, तो ये कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन बना सकते हैं।
नियमित व्यायाम न करना: शारीरिक गतिविधि की कमी से शरीर में खनिजों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। तनाव, अनियमित खानपान, और गलत जीवनशैली भी गुर्दे की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
किडनी स्टोन से बचने के लिए असरदार देसी उपाय
- दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। नींबू पानी, नारियल पानी या ग्रीन टी भी फायदेमंद होते हैं।
- सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर पीने से शरीर में कैल्शियम और अन्य खनिजों के जमाव को रोकने में मदद मिलती है।
- एक चम्मच सेब का सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से शरीर में खनिज संतुलन बना रहता है और मूत्र का PH संतुलित रहता है।
-धनिया के बीज को रात भर पानी में भिगोकर सुबह उसका पानी पीने से मूत्र प्रवाह बढ़ता है और स्टोन बनने से बचाव होता है।
त्रिफला चूर्ण भी है बेहद असदार
त्रिफला चूर्ण, जो अमलकी, bibhitaki, और हरड़ से मिलकर बनता है, पाचन सुधारने के साथ-साथ शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है। इसे रात को सोने से पहले एक चम्मच गर्म पानी के साथ लिया जा सकता है। इसके अलावा गिलोय का रस और कदम्ब (सप्तपर्णी) का उपयोग शरीर के खनिज संतुलन को बेहतर बनाने में सहायक माना जाता है।
बार-बार क्यों होती है पथरी
कुछ परिवारों में पथरी की समस्या आनुवंशिक होती है, जिसके कारण व्यक्ति को बार-बार पथरी होने का खतरा रहता है। कुछ मामलों में शरीर में खनिजों के असंतुलन या हॉर्मोनल बदलाव भी पथरी के निर्माण में भूमिका निभाते हैं। अगर पहले बनी पथरी का इलाज सही ढंग से नहीं होता या व्यक्ति उचित रोकथाम के उपाय नहीं अपनाता, तो पथरी दोबारा बन सकती है।
नोट: हम सिर्फ सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।