भूकंप आने से इंसानी शरीर पर क्या असर पड़ता है, जाने किसके लिए ये सबसे खतरनाक
punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2025 - 12:51 PM (IST)
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नारी डेस्क: भूकंप एक ऐसी घटना है जिसमें अचानक से ज़मीन हिलने लगती है और इंसान को तेज झटका महसूस होता है। यह हमेशा डरावना होता है और खासतौर पर दिमाग पर इसका गहरा असर पड़ता है। दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह 5:36 बजे एक तेज भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 4.06 मापी गई। भूकंप के बाद लोग तुरंत अपने घरों से बाहर निकल आए थे। आइए जानते हैं, भूकंप का इंसान के शरीर और दिमाग पर क्या असर पड़ता है और किन लोगों के लिए यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
भूकंप का दिमाग पर असर
भूकंप के झटके इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकते हैं। कई लोग भूकंप के बाद चिंता, डर और तनाव महसूस करते हैं। इसके कारण कुछ लोगों को नींद न आने की समस्या हो सकती है। भूकंप के बाद कुछ लोगों को चक्कर आने की शिकायत भी होती है, जिससे उन्हें लगता है कि उनका कमरा हिल रहा है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता। यह एक प्रकार का मानसिक प्रभाव होता है, जिसे पोस्ट-सिंड्रोम कहा जाता है।
भूकंप के साइड-इफेक्ट्स
भूकंप के दौरान और बाद में कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर लोग भूकंप के झटकों के बाद चक्कर आने की शिकायत करते हैं। कुछ मामलों में, यह समस्या कई दिन तक बनी रह सकती है, जो मानसिक तनाव का परिणाम होती है।
भूकंप किन लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हो सकता है?
बुजुर्ग और बच्चे
बुजुर्ग और छोटे बच्चे भूकंप के झटकों के दौरान सबसे ज्यादा खतरे में होते हैं। इनका शरीर शारीरिक और मानसिक रूप से तनाव को सहने में सक्षम नहीं होता, जिससे उनके लिए ये स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
हृदय रोगी (हार्ट डिजीज वाले)
हार्ट डिजीज वाले लोगों के लिए भूकंप का तनाव बहुत खतरनाक हो सकता है। किसी भी प्रकार का शारीरिक और मानसिक तनाव उनके दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
श्वसन रोगी (सांस से जुड़ी बीमारियां)
जिन लोगों को अस्थमा, COPD (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) जैसी बीमारियाँ हैं, उनके लिए भूकंप के बाद धूल और मलबे से सांस लेने में समस्या हो सकती है, जो उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
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विकलांग लोग
जो लोग शारीरिक रूप से विकलांग होते हैं, उनके लिए भूकंप के दौरान अपनी सुरक्षा करना कठिन हो सकता है। वे खुद को सही से बचाने में सक्षम नहीं होते, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य वाले लोग
जिन लोगों को मानसिक तनाव, डर, और चिंता की समस्याएं होती हैं, उनके लिए भूकंप का असर और भी गंभीर हो सकता है। यह उनकी मानसिक स्थिति को और बिगाड़ सकता है, जिससे उन्हें मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
भूकंप एक अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। खासकर, बुजुर्ग, बच्चे, हृदय रोगी, श्वसन रोगी, विकलांग और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े लोगों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए हम सभी को सतर्क और तैयार रहना चाहिए।
नोट: ऊपर दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है, इसे अपनाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है।