कृष्ण भक्ति में मग्न हेमा मालिनी, 77 साल की उम्र में यशोदा बनकर मोह लिया मन
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 01:48 PM (IST)
नारी डेस्क: चल रहे बृजराज उत्सव समारोह में मथुरा भक्ति और सांस्कृतिक वैभव से जीवंत हो उठा है, पारंपरिक प्रस्तुतियां, लोक नृत्य और स्थानीय कला प्रदर्शन मुख्य आकर्षण रहे। इस उत्सव के दौरान अभिनेत्री हेमा मालिनी द्वारा पारंपरिक 'यशोदा कृष्ण नाटक' का मंचन एक प्रमुख आकर्षण रहा। 'माता यशोदा' के रूप में उनकी मनमोहक भूमिका ने एक मां और बच्चे के बीच के खूबसूरत रिश्ते को दर्शाया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया और उत्सव में आध्यात्मिक भावना का भी स्पर्श जोड़ा।
हेमा मालिनी की शानदार प्रस्तुति से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। नृत्य के दौरान हेमा मालिनी की हर भाव मुद्रा और लय देखते ही बन रही थी। यशोदा बनीं हेमा मालिनी मंच पर कृष्ण को झूला झुलाते ,माखन चुराते और नन्हें कान्हा को स्नेहपूर्वक डांटती दिखी। इस खास नृत्य प्रस्तुति के दौरान हेमा मालिनी हरे रंग की साड़ी में एकदम महारानी लग रही थी, हैवी ज्वेलरी ने उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिए।
जब वह नन्हे कान्हा को डांट रही थीं तो वह एकदम माता यशोदा का स्वरूप नजर आ रही थीं।

एएनआई से बात करते हुए, भाजपा सांसद ने इस उत्सव को सभी के लिए एक "सौभाग्यशाली" अवसर बताया। उन्होंने कहा- "बृज राज उत्सव पिछले पांच वर्षों से चल रहा है। यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे बृज में ऐसा आयोजन होता है। स्थानीय कला, कलाकारों, दुकानदारों और विक्रेताओं को एक प्रमुख मंच प्रदान किया जाता है। विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का एक अलग खंड भी है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को ऐतिहासिक कहानियों को खूबसूरती से प्रस्तुत करने वाले तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह भविष्य में भी जारी रहेगा। यह कार्यक्रम मथुरा के लिए गर्व की बात है।"

'बृज राज उत्सव' 26 अक्टूबर से शुरू हुआ और बुधवार, 5 नवंबर को समाप्त होगा। 11 दिनों तक चलने वाला यह उत्सव भक्ति, कला और स्थानीय विरासत के अनूठे मिश्रण के कारण भारी भीड़ खींच रहा है। 'यशोदा कृष्ण नाटक' में हेमा मालिनी के प्रदर्शन के अलावा, इस उत्सव में कई अन्य नाट्य प्रस्तुतियां भी हुईं, जिनमें पद्मश्री पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज जोशी द्वारा 'चाणक्य' नाटक और 'महाभारत' के प्रसिद्ध पुनीत इस्सर द्वारा 'गीता सार' का पाठ शामिल है।

