इंफेक्शन से कैसे बचाए फेफड़े, जानिए डॉक्टर की राय
punjabkesari.in Friday, Jan 22, 2021 - 10:34 AM (IST)
कोरोना टीकाकरण अभियान भले ही शुरू हो गया हो लेकिन कोविड-19 वायरस का खतरा अभी भी पूरी तरह से टला नहीं है इसीलिए कोरोना से खुद का बचाव रखना ही पहला और बेहतर उपाय है। उपायों में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखना और फेफड़ों के स्वास्थय पर ध्यान देना सबसे जरूरी है क्योंकि कोरोना का संक्रमण सबसे पहले मरीज की सांस की नली और फेफड़ों पर अटैक करता है।
एन.एच.एस. अस्पताल के चैस्ट स्पैशलिस्ट डॉ विनीज महाजन से जानते है कि किस तरह से हम फेफड़ों की इंफेक्शन का पता लगा सकते है और सही समय पर उसका ईलाज कर सकते है।
फेफड़ों इफेक्टिड हैं किन संकेतों से पहचानें?
फेफड़ों की इंफेक्शन की सबसे महत्वपूर्ण निशानी है खांसी के साथ बलगम पीली, मटमैला, हरे रंग की बलगम का आना। जाड़ा लगने से बुखार का आना। इंफेक्शन अगर ज्यादा हो तो सांस लेने में दिक्कत होती है और सांस लेते समय आवाज आती है। आपको खांसी, बलगम, बुखार या सांस लेने में दिक्कत है तो फेफड़ों में इंफेक्शन है और छाती रोग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाने की जरुरत हैं।
डाइट और योग का कितना अहम योगदान?
वैसे तो हर बीमारी में पौष्टिक आहार के सेवन पर जोर दिया जाता है अगर फेफड़ों में इंफेक्शन है तो ठंडा खट्टा और तला हुआ खाने से परहेज करे। खाने में प्रोटीन से भरपूर जैसे कि पनीर, सोया, न्यूट्री, अंडा और एंटी-आक्सीडेंट से भरपूर जैसे कि सलाद, हरी सब्जियों का इस्तेमाल करें।
फेफड़ों को इंफेक्शन से बचाने के लिए रोजाना योग करें। अगर फेफड़ों में इंफेक्शन है और सांस लेने में दिक्कत होती है तो किसी भी तरह के योग या व्यायाम करने से सांस लेने में दिक्कत बढ़ सकती है। इसलिए जब तक इंफेक्शन कंट्रोल न हो जाए या सांस लेने की दिक्कत सही न हो जाए तब तक व्यायाम न करें क्योकि इससे समस्या बढ़ने का खतरा रहता है।
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग कैसे रखें लंग्स हैल्दी?
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग जिन्हें मधुमेह, हार्ट या गुर्दों की बीमारी हैं उन्हें सही समय पर अपनी बीमारी का इलाज करवाना चाहिए ताकि वह खुद को फेफड़ो की इंफेक्शन से बचा सकें। शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें। इसके साथ ही किसी भी ऐसे इंसान के संपर्क में न आए जिसको खांसी या फेफड़ो की इंफेक्शन हो।
देसी काढ़ा पीना कितना कारगर?
कोविड के कारण लोगों को काढ़ा पीने की आदत पड़ चुकी हैं। पहले लोग कोरोना से बचने के लिए काढ़ा पीते थे लेकिन अब वह खुद तंदरुस्त रहने के लिए पीते है। जो नुस्खा हमारे बुजुर्गों का है वो हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा होता है।
फेफड़ों पर कोरोना का असर
कोरोना इंफेक्शन श्वसन तंत्र में सूजन पैदा करता है। जरा सी धूल के कण भी संक्रमित मरीज को खांसी की समस्या देने लगते हैं। इंफेक्शन बढ़ जाए तो वायुकोष को प्रभावित करती है जो फेफड़ों के नीचे होता है, जिससे मरीज को निमोनिया की समस्या होती है। फेफड़ों में सूजन की दिक्कत होती है जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिलती, उन तक रक्त नहीं पहुंच पाता। शरीर को आक्सीजन मिल नहीं पाती और वह कॉर्बन डाइऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पाता और इस स्थिति में मरीज की निमोनिया का शिकार हो जाता है जो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस फेफड़ों को तेजी से क्षतिग्रस्त करता है, जिससे आगे चलकर फाइब्रोसिस का खतरा पैदा हो सकता है। पल्मोनरी फाइब्रोसिस एक गंभीर बीमारी है जिसमें फेफड़े के टिशू (ऊतक) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
विटामिन सी और ई भरपूर आहार
सेब को घर का डाक्टर कहा जाता है। सेंट जार्ज हॉस्पिटल मेडिकल स्कूल लंदन की एक स्ट़डी के मुताबिक, 45 से 49 साल के बीच के 2500 व्यक्तियों के हैल्दी लंग्स का श्रेय विटामिन सी, ई बीटा कैरोटीन, खट्टे फल, सेब और फलों का रस शामिल किया था। विटामिन ई भरपूर खुबानी भी लंग्स इंफैक्शन के खतरे को कम करती है इसलिए खट्टे फल में संतरा, नींबू, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, अनानास ऑलिव ऑयल आदि डाइट में शामिल करें। ब्राजील नट्स, अखरोट, बादाम लंग्स टिश्यूज को सूजन आने से बचाते हैं।
लहसुन
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर लहसुन फेफड़ों की अच्छे से सफाई करने में बेहद मददगार है इसलिए सब्जी, आचार या चटनी जिस भी रुप में आप लहसुन पसंद करें उसे डाइट में शामिल जरूर करें। फेफड़ों के लिए नहीं बल्कि लहसुन कई सर्दी खांसी से भी बचाव देता है।
बेरीज
एंटीऑक्सीडेंट भरपूर बेरीज, क्रेनबेरीज, अंगूर और स्ट्राबेरी आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने में बेहद मददगार होती हैं। रोजाना नहीं तो हफ्ते में 2 से 3 बार इसका सेवन जरूर करें।
योग एक्सरसाइज को समय दें
नियमित रुप से योग व एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। प्राणायाम, अनुलोम-विलोम जैसे फेफड़ों को स्वस्थ रखने वाले आसन करें व हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
टिप्सः
औषधीए गुणों से भरपूर तुलसी के पत्ते, मुलेठी और अदरक डालकर चाय बनाकर पीएं इससे सर्दी में होनी वाली खांसी जुकाम व कफ जैसी वायरल इंफेक्शन से बचाव रहेगा।
वायु व पानी प्रदूषण की चपेट में आने से बचें। मास्क जरूर लगाएं और साफ-सफाई का ख्याल रखें।