आखिर क्यों हनुमान जी ने किया था शनिदेव पर गदा से प्रहार?
punjabkesari.in Monday, Nov 27, 2023 - 06:36 PM (IST)
जब भी किसी व्यक्ति के कुंडली में शनिदोष होता है तो ज्योतिष उन्हें हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी पर हनुमान जी का पूजन सिर्फ मंगलवार को ही बल्कि शनिवार के दिन भी किया जाता है। कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर हनुमान जी शानिदेव के प्रकोप से कैसे बचा सकते हैं, क्यों उनकी पूजा शनिवार को भी की जाती है? आइए आपको बताते हैं इसके बारे में....
हनुमान जी और शनिदेव का संबंध
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार हनुमान जी जंगल में भगवान राम के भक्ति में लीन थे। तभी वहां से शनिदेव गुजरे। शनिदेव के पास ऐसी कुछ शक्तियां थी जिससे किसी का नुकसान हो सकता था, इसलिए उन्होंने हनुमाजी की वक्र द्दष्टि को ढकने की कोशिश की। उन्होंने हनुमान जी को उस समय युद्ध के लिए ललकारा, लेकिन हनुमान जी भक्ति में लीन थे इसलिए उन्होंने जवाब नहीं दिया। इस बात से नाराज होकर शनिदेव ने हनुमान जी का ध्यान भंग करने की कोशिश की, पर सफल नहीं हो पाए। आखिरकार ध्यान पूरा होने पर जब हनुमान जी ने आंखें खोली तो बड़े ही विनम्र तरीके से शनिदेव से पूछा- 'हे महाराज, आप कौन है'? ये सुनते ही शनिदेव नाराज होकर बोले- 'मैं शनि हूं, तीनों लोकों को भयभीत करने वाला और आज मैं तेरी राशि में प्रवेश कर रहा हूं। अगर मुझे रोक सके तो रोक ले।'
हनुमान जी ने मारी शनिदेव को गदा
शनिदेव की बातें सुनकर हनुमान जी ने विनम्रता से कहा- 'आप अपना पराक्रम कहीं और दिखाएं, मुझे मेरे प्रभु श्री राम का ध्यान करने दें। ' ये सुनकर शनिदेव और क्रोधित हुए और हनुमान जी की बांह पकड़ ली। ऐसा होने पर हनुमान जी ने भी झटके से अपनी बांह छुड़कार शनिदेव को अपना विकराल रूप दिखाया, पर शनिदेव नहीं डरे और फिर से हनुमानजी की बांह पकड़ने की कोशिश की तो हनुमान जी ने उन्हें अपनी पूंछ में लपेटकर गदा से मारा। इससे शनिदेव को चोट लग गई। शनिदेव ने चोट पर लगाने के लिए सरसों का तेल मांगा। जब हनुमान जी ने शनिदेव को सरसों का तेल दिया तो शनिदेव ने कहा कि जो भक्त शनिवार के दिन मुझे सरसों का तेल चढ़ाएगा उसके सभी कष्ट दूर होंगे। साथ ही उन्होंने हनुमान जी के भक्तों को परेशान ना करने का भी प्रण लिया।