अजब-गजब: 12 साल होते ही इस गांव की लड़कियां बन जाती हैं लड़का, वैज्ञानिक भी हैरान
punjabkesari.in Wednesday, Nov 24, 2021 - 04:45 PM (IST)
दुनिया में ऐसे कई चमत्कार होते हैं, जिसे सुनने के बाद सिर चकरा जाता है। अगर हम आपको कहें कि एक गांव में एक उम्र के बाद लड़कियां लड़का बन जाती हैं तो? क्यों चौंक गए न आप... लेकिन यह कोई कहानी नहीं बल्कि सच है। दुनिया के नक्शे में एक ऐसा गांव है, जहां लड़कियों के जन्म के बाद मातम पसर जाता है क्योंकि वो किशोरवस्था में आते ही लड़के बन जाते हैं।
12 साल की उम्र में बन जाती हैं लड़का
डोमिनिकन गणराज्य के बारहोना प्रांत के लास सेलिनास (La Salinas Village) गांव में 12 साल की उम्र के बाद लड़कियों का जेंडर चेंज हो जाता है। लड़कियों के लड़का बनने की इस ‘बीमारी’ के कारण गांव वाले भी काफी परेशान रहते हैं। खुद वैज्ञानिक भी इस रहस्य का आज तक पता नहीं लगा पाए।
गांव को श्रापित मानते हैं लोग
इस वजह से कुछ लोग गांव को श्रापित मानते हैं। गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव पर किसी अदृश्य शक्ति का साया है। इस तरह पैदा होने वाली लड़कियों को गांव के लोग 'ग्वेदोचे' (Guevedoces) कहते हैं। आस-पास के गांव वाले यहां के लोगों को भी अजीब नजर से देखते हैं।
कम हो रही लड़कियों की संख्या
इस अजीबो गरीब बीमारी के चलते गांव में लड़कियों का संख्या में भी कमी आ रही है। गांव में रहने वाली एक पीड़िता ने बताया कि उसका नाम फेलेशिटिया था। कुछ सालों तक मां-बार ने उसे लड़की की तरह ही पाला। चूंकि वो अस्पताल की बजाए में घर में पैदा हुआ था इसलिए माता-पिता जेंडर का पता नहीं लगा सके। स्कूल में भी वह लड़कियों की तरह तैयार होकर जाता था जो उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। मगर, कुछ समय बाद उसे अपने लड़के होने का अहसास हुआ, जिसके बाद उसने अपना जॉनी रख लिया।
अनुवांशिक है यह बीमारी
6 हजार आबादी वाला समुद्र किनारे बसा यह गांव कई वैज्ञानिक रिसर्च का विषय है। हालांकि कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा 'आनुवंशिक विकार' की वजह से होता है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘सूडोहर्माफ्रडाइट’ कहा जाता है। इस बीमारी से पीड़ित लड़कियों के शरीर में एक उम्र के बाद पुरूषों जैसे अंग बनने लगते हैं। उनकी आवाज में भारीपन के साथ कई बदलाव शुरू हो जाते हैं।
अजीबोगरीब बीमारी से ग्रस्त गांव की लड़कियां
गांव के 90 में से एक बच्चा इस रहस्मयी का शिकार जरूर होता है। डॉक्टरों के मुताबिक, प्रेगनेंसी में आनुवंशिक विकार की वजह से भ्रूण को जरूरी एंजाइम नहीं मिल पाते हैं। इसकी वजह से उनमें डिहायड्रो टेस्टोस्टेरोन नामक होर्मोन (पुरूष सेक्स होर्मोन) ठीक से बन नहीं पाता। 12 साल की उम्र तक वो सही तरीके से विकसित हो जाता है, जिसे बाद उनमें पुरुषों से लक्षण दिख जाते हैं।