इरादे मजबूत हों तो उम्र मायने नहीं रखती: 73 साल की गिन्नी ने 17 पुल-अप्स का रिकॉर्ड बनाया
punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 12:32 PM (IST)

नारी डेस्क: कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों, तो उम्र कभी भी किसी काम को करने में रुकावट नहीं डाल सकती। गिन्ती मैक्कॉल, जिन्हें गिन्नी के नाम से भी जाना जाता है, ने इस कहावत को सच्चा कर दिखाया है। गिन्नी की बेटी, जेसी ग्रेफ, जो एक स्टंटवुमन हैं, ने अपनी मां को पुल-अप्स लगाने का चैलेंज दिया था। शुरू में 63 साल की उम्र में गिन्नी को यह बहुत कठिन लगा, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय इस चुनौती को स्वीकार किया।
9 महीने की मेहनत से मिली सफलता
गिन्नी ने 9 महीने तक लगातार मेहनत की और आखिरकार वे पुल-अप्स करने में सफल हुईं। आज, 73 साल की उम्र में, उन्होंने 17 पुल-अप्स लगाकर सभी को हैरान कर दिया। गिन्नी का कहना है, "बढ़ती उम्र के साथ अगर आप ठान लें तो आप और भी मजबूत बन सकते हैं।"
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
गिन्नी की यह मेहनत अब इतिहास बन चुकी है, क्योंकि उन्होंने 73 साल की उम्र में दुनिया का सबसे उम्रदराज निंजा एथलीट होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। यह रिकॉर्ड उन्होंने 2024 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया। गिन्नी ने 'अमेरिकी निंजा वॉरियर' रियलिटी शो में तीन बार हिस्सा लिया, जिसमें कठिन टास्क और मानसिक दृढ़ता की परीक्षा होती है।
किस तरह से पहुंचीं 17 पुल-अप्स तक
गिन्नी ने पुल-अप्स से पहले डेड हैंग्स पर लटकने की प्रैक्टिस की, वजन उठाया और बॉडीवेट एक्सरसाइज की। इसके बाद ही उन्होंने पुल-अप्स करना शुरू किया। Ginni के मुताबिक, उन्होंने एक-एक करके अपनी ताकत बढ़ाई और कभी भी जल्दीबाजी नहीं की।
ऑस्टियोपीनिया के बावजूद हार नहीं मानी
गिन्नी पेशेवर डांसर भी रही हैं, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें 'ऑस्टियोपीनिया' बीमारी का सामना करना पड़ा, जिसमें हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है। हालांकि, इस बीमारी के बावजूद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग जारी रखी। वे कहती हैं, "पुल-अप्स की ट्रेनिंग के दौरान मुझे महसूस हुआ कि मेरी हड्डियों की समस्या मुझे परेशान कर सकती है, लेकिन मैंने हार नहीं मानी।"
बेटी का सहयोग और प्रोत्साहन
गिन्नी के इस सफर में उनकी बेटी ने उनका साथ दिया और जब भी Ginny मानसिक रूप से थक जाती, बेटी ने उन्हें प्रोत्साहित किया। Ginny का यह संदेश है कि किसी भी उम्र में अगर मन में ठान लिया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं होता।