बर्फ के पहाड़, शांत वातावरण... भगवान शिव की पवित्र भूमि पर पहली बार बही ''योग की गंगा''
punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2024 - 01:00 PM (IST)
अंतररष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर चीन सीमा से सटे उच्च हिमालयी क्षेत्र आदि कैलाश में लगभग 19000 फीट की ऊंचाई पर बेहद ही खूबसूरत नजारा देखने को मिला। यहां पहली बार योग महोत्सव का आयोजन किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां पहुंचकर योग कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने यहां सीमा के प्रहरी सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) तथा सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के साथ मिलकर योग किया।
आदि योगी भगवान शिव की पवित्र भूमि आदि कैलाश पर ‘योग’ का सुखद अनुभव..#InternationalYogaDay pic.twitter.com/aZgbj1cUw4
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 21, 2024
शांत वातावरण में योग करते हुए सीएम धामी बेहद प्रसन्न नजर आए। इससे पहले मुख्यमंत्री ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दिन रात समर्पण भाव से राष्ट्र की सेवा में यहां तैनात जवानों की हौसला अफजाई भी की। हिंदू पुराणों में आदि कैलाश को भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी का निवास स्थान बताया गया है, जिसके चलते हर साल हजारों श्रद्धालु आदि कैलाश की यात्रा करने जाते हैं।
पिथौरागढ़ जिले के सुदूर में हिम आच्छादित पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित आदि कैलाश, आदि योगी भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र स्थल है। अपने पिथौरागढ़ भ्रमण के दौरान आदि कैलाश के दर्शन अवश्य करें। हमारी सरकार यहां पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए लगातार सुविधाओं का विकास कर रही है। pic.twitter.com/yH062GXy6L
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 21, 2024
आदि कैलाश यानी कि छोटा कैलाश हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है।लोग इसके अत्यधिक धार्मिक महत्व के लिए इसका सम्मान करते हैं। अगर आप आदि कैलाश को देखते हैं तो ये आपको बिल्कुल कैलाश पर्वत जैसा लगेगा। कहा जाता है कि अगर आप कैलाश पर्वत की यात्रा पर नहीं जा सकते तो उत्तराखंड में आदि कैलाश की यात्रा करें।
व्यास घाटी की संस्कृति, परंपरा और विरासत को अपने आंचल में समेटे, हिमालय की गोद में बसे सीमांत गांव नाबी, पिथौरागढ़ पहुंचने पर ग्रामवासियों द्वारा किए गए आत्मीय स्वागत से हृदय अभिभूत है। आप सभी का सहृदय आभार! pic.twitter.com/Szr0skKpv8
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 20, 2024
पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश का दर्शन किए जाने से पर्यटकों और श्रद्धालुओं में इन धार्मिक पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है । आदि कैलाश यात्रा को दुनिया की सबसे दुर्गम लेकिन बेहद सुंदर यात्रा कहा जाता है। यह यात्रा 15 हजार फीट की ऊंचाई से लेकर 19 हजार फीट तक की ऊंचाई तक जाती है। इस सफर में तीर्थ यात्रियों को आदि कैलाश के साथ ही ओम पर्वत के दर्शन भी होते हैं।
यही नहीं आदि कैलाश के करीब ही पार्वती ताल भी मौजूद है. ऐसे में माना जाता है कि आदि कैलाश यात्रा का महत्व मानसरोवर यात्रा के बराबर ही है। आदि कैलाश, जिसे शिव कैलाश , छोटा कैलाश , बाबा कैलाश या जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तराखंड के पिथौरागढ जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित एक पर्वत है। यह हिमालय में अलग-अलग स्थानों पर पांच अलग-अलग चोटियों के समूह में दूसरी सबसे महत्वपूर्ण चोटी है।