Parenting Alert: इकलौते बच्चे की परवरिश में ना करें ये गलतियां
punjabkesari.in Tuesday, Feb 15, 2022 - 12:08 PM (IST)
घर में 1 से ज्यादा बच्चे होने पर वे एक-दूसरे के साथ खेलकर, झगड़कर समय बीताते हैं। मगर घर में इकलौता बच्चा होने पर पेरेंट्स को उसकी परवरिश में बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है। दरअसल, घर पर एक ही बच्चा होने पर उसके मन में अकेलेपन की भावना पैदा हो सकती है। वहीं अकेले बच्चे पर पेरेंट्स ने बहुत सी उम्मीदें लगा रखी होती है। ऐसे में उन उम्मीदों को पूरा ना कर पाने पर बच्चा तनाव महसूस भी कर सकता है। ऐसे में इकलौते बच्चे को संभालने में हर मां-बाप को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
अपनी अपेक्षाएं उसपर ना थोपें
आमतौर पर पेरेंट्स अपने अंदर की इच्छाएं बच्चे पर थोपने लगते हैं। मगर मां-बाप की उम्मीदों को पूरा न कर पाने पर बच्चे तनाव महसूस कर सकते हैं। असल में, मां-बाप को बच्चे पर दबाव डालने की जगह पर उसकी भावनाओं व रुचियों को अच्छे से समझना चाहिए। इसके साथ ही उसे उसका लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
ओवरप्रोटेक्टिव पेरेंट्स बनने की गलती ना
बच्चे के लिए प्रोटेक्टिव होना अच्छी बात है। मगर घर में इकलौता बच्चा होने पर आमतौर पर मां-बाप उसे लेकर ओवरप्रोटेक्टिव हो जाते हैं। इस दौरान सबसे पहले पेरेंट्स को प्रोटेक्टिव और ओवर-प्रोटेक्टिव में फर्क समझना चाहिए। इसतरह अगर आपका बच्चा कोई काम कर रहा या किसी बात के लिए उसे कोई फैसला लेना है तो इसपर इंटरफेयर करने की जगह बच्चे को प्रोत्साहित करें। उसका आत्मविश्वास बढ़ाकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दें।
बच्चे को पर्सनल स्पेस देना जरूरी
घर में ब्चचा होने पर हर कोई उसके आसपास रहता है। मगर बड़ों की तरह बच्चों को भी पर्सनल स्पेस की जरूरत होता है। ऐसे में पेंरेट्स को चाहिए कि वे बच्चे को अकेले रहने व काम करने के लिए अलग सा समय दें। हालांकि इस दौरान दूर से बच्चे पर निगरानी रखते रहे कि ताकि वह एकदम सुरक्षित रह सके। इसे आपका बच्चा जिम्मेदार होगा और कुछ करने के काबिल बनेगा। इसके साथ ही वह घर-परिवार में भी समय बीताने में खुशी महसूस करेगा।
बाहर जानें से रोकना गलत
वैसे तो बच्चे के घर से बाहर होने पर पेरेंट्स का ध्यान उन्हीं पर रहता है। मगर फिर भी कई मां-बाप बच्चे को बाहर जाने से रोकते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो अपनी आदत को सुधार लें। दरअसल, इसतरह घर पर ही रहने से बच्चा खुद को कैद में समझता है। इससे वह तनाव में भी आ सकता है। ऐसे में पेरेंट्स का फर्ज बनता हैं कि वे बच्चेपर पूरा विश्वास रखकर उसे आजादी दें। उसे बाहर दोस्तों के साथ खेलने भेजें और उसकी सुरक्षा का भी ख्याल रखें। इस तरह आपका बच्चा घर में और भाई-बहन ना होने पर भी अकेला महसूस नहीं करेंगे।
बच्चे को खुद लेने दे फैसले
घर में इकौलता बच्चा होने पर पेरेंट्स उससे जुड़ा हर फैसला खुद लेना पसंद करते हैं। मगर इससे बच्चे को बंदिश महसूस हो सकती है। दरअसल, बच्चे के बड़े होने पर वे बहुत से फैसले खुद लेनी की इच्छा रखता है। ऐसे में हर मां-बाप को चाहिए कि वे बच्चे की भावनाओं व फैसले की कद्र करें। हां अगर बच्चे का फैसला गलत है तो उसे प्यार से समझाएं।
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