क्या समुद्र के पानी से बुझ सकती है आग? जानिए क्यों अमेरिका इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा
punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2025 - 11:24 AM (IST)
नारी डेस्क: अमेरिका के लॉस एंजिल्स में 7 जनवरी 2025 को लगी जंगल की आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है। इस भयावह आग ने अब तक 36,000 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके कारण 10,000 से ज्यादा मकान जलकर खाक हो गए, 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 13 लोग लापता हैं।
पानी की कमी सबसे बड़ी चुनौती
आग बुझाने के काम में लगे फायर डिपार्टमेंट को सबसे बड़ी समस्या पानी की कमी की हो रही है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि फायर हाइड्रेंट (पानी की सप्लाई सिस्टम) सूख चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि आग लगने वाली जगह प्रशांत महासागर से सिर्फ 1 मील की दूरी पर है। फिर भी समुद्र के पानी का इस्तेमाल आग बुझाने के लिए क्यों नहीं किया जा रहा है?
The fires in Los Angeles and the tragic loss of life both human and animal is truly heart wrenching, regardless of differences in religion, race, or gender we are all connected as fellow human beings. As Muslims we believe in wishing no harm upon anyone, my heartfelt prayer is… pic.twitter.com/9LSDKGRulN
— Taymor(م.ثامر السِعيد) (@Taymor_saad) January 12, 2025
क्या समुद्र का पानी आग बुझा सकता है?
सैद्धांतिक रूप से, हां। समुद्र के पानी का इस्तेमाल आग बुझाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। इसका कारण है पानी में मौजूद नमक। समुद्र के पानी में घुले हुए नमकीन तत्व फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। यही वजह है कि फायर डिपार्टमेंट इसे केवल बहुत जरूरी स्थिति में ही इस्तेमाल करता है।
समुद्र का पानी इस्तेमाल न करने के कारण
नमक के संक्षारक प्रभाव (Corrosion)
समुद्र का पानी नमकीन होता है, और यह संक्षारक (corrosive) होता है। यह धातु से बने उपकरणों, जैसे फायर पंप और वॉटर डंपिंग प्लेन को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे उपकरण जल्दी खराब हो सकते हैं, जो आग बुझाने की प्रक्रिया को धीमा कर देंगे।
Devastated by the Los Angeles fire 💔🔥. This before-and-after video shows the tragic loss of nature and lives. Let’s act to protect our planet 🌿 and support those affected. RT to spread awareness. #LosAngelesFire #ClimateAction pic.twitter.com/l3R8gbbnCM
— Suryansh Tiwari (@Suryanshti777) January 13, 2025
कूलिंग इफेक्ट पर असर
समुद्र के नमकीन पानी का कूलिंग इफेक्ट सामान्य पानी की तुलना में कम होता है। इसका मतलब यह है कि आग बुझाने में इसे ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करना पड़ता है, जो कम प्रभावी साबित हो सकता है।
अग्निशमन कर्मियों के लिए खतरा
नमक मिश्रित पानी का छिड़काव अग्निशमन कर्मियों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यह त्वचा, उपकरण और हेलमेट जैसी चीजों पर असर डाल सकता है।
पर्यावरणीय प्रभाव
समुद्र के पानी में मौजूद नमक जमीन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। जहां भी इस पानी का इस्तेमाल होगा, वहां की मिट्टी में लवणता (salinity) बढ़ जाएगी। यह जमीन को बंजर बना सकता है, जिससे पेड़-पौधों के लिए पोषक तत्व और पानी सोखना मुश्किल हो जाता है।
Very Scary !
— Oxomiya Jiyori 🇮🇳 (@SouleFacts) January 11, 2025
The government did not give funds saying that there is no terrible fire in Los Angeles, the equipment you have right now is sufficient, you should manage with that.
Look at the result today, the entire city of Los Angeles is burning, there has been a loss of… pic.twitter.com/cJNq8G0TvD
महंगा और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण
समुद्र का पानी लाने और छिड़काव करने के लिए भारी-भरकम तकनीकी और मशीनरी की जरूरत होती है, जो महंगी और जटिल हो सकती है।
समुद्र के पानी का उपयोग कब किया जाता है?
हालांकि, समुद्र के पानी का इस्तेमाल बेहद गंभीर परिस्थितियों में किया जाता है। ऐसे मामलों में विशेष उपकरण का उपयोग किया जाता है, जिन्हें नमक के संक्षारक प्रभाव से बचाने के लिए तैयार किया गया हो। लेकिन सामान्य स्थिति में यह आखिरी विकल्प होता है।
समुद्र के पानी से आग बुझाना संभव है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियां और जोखिम जुड़े हैं। यह उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है, पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है और मिट्टी को बंजर बना सकता है। इसलिए अमेरिका जैसे देश इसे सिर्फ आपात स्थिति में ही उपयोग करते हैं।
(यह जानकारी विभिन्न रिपोर्ट्स और शोध पर आधारित है। किसी भी स्थिति में विशेषज्ञों की राय लेना जरूरी है।)