18 साल बाद आया स्ट्रॉबेरी मून का दुर्लभ नजारा, जानें क्या है इसकी खासियत

punjabkesari.in Wednesday, Jun 11, 2025 - 05:12 PM (IST)

 नारी डेस्क: अगर आप खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं तो 2025 का जून महीना आपके लिए खास रहा है। इस बार आसमान में एक बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिली है, जिसे स्ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) कहा जाता है। यह नजारा और भी खास इसलिए था क्योंकि यह मेजर लूनर स्टैंडस्टिल यानी चंद्र ठहराव के साथ घटित हुआ, जो अब अगली बार सीधे 18 साल बाद 2043 में दिखाई देगा।

 क्या होता है स्ट्रॉबेरी मून?

‘स्ट्रॉबेरी मून’ नाम सुनकर लग सकता है कि चंद्रमा स्ट्रॉबेरी जैसा गुलाबी दिखेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, यह नाम अमेरिका की अल्गोंक्विन जनजातियों की पारंपरिक कृषि गतिविधियों से जुड़ा है। जून महीने में वहां स्ट्रॉबेरी की फसल कटती है और इसी समय जो पूर्णिमा होती है, उसे ‘स्ट्रॉबेरी मून’ कहा जाता है। वैसे चंद्रमा का रंग सामान्य ही होता है, लेकिन चंद्रोदय या चंद्रास्त के समय इसका रंग हल्का नारंगी या सुनहरा दिखाई दे सकता है, जिससे यह और आकर्षक लगता है।

इस साल क्यों था खास?

इस साल स्ट्रॉबेरी मून के साथ जोड़ा गया एक और दुर्लभ खगोलीय क्षण था – मेजर लूनर स्टैंडस्टिल। यह एक 18.6 साल का चक्र होता है, जिसमें चंद्रमा आकाश में अपने सबसे उत्तर या दक्षिण छोर पर पहुंचता है।

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इस वजह से चंद्रमा क्षितिज (horizon) के बहुत पास दिखाई देता है और चंद्रोदय तथा चंद्रास्त दोनों समय यह बड़ा और चमकीला लगता है। यह एक ऐसा नजारा है जो विज्ञान और आकाश प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है।

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कब और कहां देखा गया?

स्ट्रॉबेरी मून को दुनिया भर के कई हिस्सों में 11 जून की सुबह देखा गया, जिसमें भारत, अमेरिका, यूरोप और एशिया के हिस्से शामिल थे। न्यूयॉर्क में यह 11 जून को सुबह 3:44 बजे पूरी तरह से प्रकाशित दिखा। भारत में भी यह सुबह सूर्योदय से पहले पूरब दिशा में क्षितिज के करीब साफ़-साफ़ देखा गया।

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क्यों दिखता है चंद्रमा बड़ा?

लोगों को अक्सर लगता है कि स्ट्रॉबेरी मून या सुपरमून के समय चंद्रमा सामान्य से बड़ा है। असल में यह एक ऑप्टिकल इल्यूजन (दृष्टिभ्रम) होता है। चंद्रमा जब क्षितिज के पास होता है, तो उसका आकार और रंग हमें अलग नजर आता है, जबकि वह सामान्य ही होता है।

अब कब मिलेगा ऐसा मौका?

अगर आपने इस बार स्ट्रॉबेरी मून नहीं देखा, तो अगली बार इतना खास मौका साल 2043 में ही मिलेगा, जब स्ट्रॉबेरी मून और मेजर लूनर स्टैंडस्टिल एक साथ घटित होंगे।

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स्ट्रॉबेरी मून केवल एक सुंदर चांदनी रात नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और खगोलीय महत्व रखने वाली घटना है। ऐसे नजारे न सिर्फ हमें प्रकृति की सुंदरता का एहसास कराते हैं, बल्कि विज्ञान और परंपरा के मेल का अद्भुत उदाहरण भी पेश करते हैं।
  

 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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