केदारपुरी में हुई बर्फबारी का घर बैठे उठाइए आनंद, इस दिन तय होगी धाम के कपाट खुलने की तारीख

punjabkesari.in Tuesday, Jan 17, 2023 - 01:23 PM (IST)

उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 26 जनवरी शुक्रवार बसंत पंचमी को तय होगी। वहीं श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि के अवसर पर 18 फरवरी को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी। वहीं गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया को खुलते हैं। 

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इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है। अत: गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा धामों के कपाट खुलने की तिथि मुहुर्त तथा समय घोषित किया जायेगा।  श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि नरेन्द्र नगर स्थित राजमहल में प्रात: दस बजे से आयोजित धार्मिक समारोह में राजपरिवार सहित मंदिर समिति पदाधिकारियों, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत तथा श्रद्धालुओं की उपस्थिति में राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल पंचाग गणना के पश्चात विधि-विधान पूर्वक श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की उपयुक्त तिथि सुझायेंगे तथा मुहुर्त का अवलोकन करेंगे।

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परंपरानुसार महाराजा मनुजयेंद्र शाह तिथि घोषित करेंगे। इसी दिन भगवान बदरीविशाल के अभिषेक हेतु प्रयुक्त होनेवा ले तेल पिरोने तथा गाडू घड़ा तेलकलश यात्रा की भी तिथि तय होगी। बसंत पंचमी को डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत द्वारा योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ से पूजा अर्चना के पश्चात गाडू घड़ा को नरेंद्र नगर राजदरबार के सुपुर्द किया जायेगा। 

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केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 18 फरवरी शनिवार शिवरात्रि के अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी।इसी दिन श्री केदारनाथ गवान की पंचमुखी डोली के केदारनाथ प्रस्थान की भी तिथि तय होगी। परंपरागत रूप से श्री गंगोत्री तथा श्री यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते हैं। इस वर्ष 22 अप्रैल शनिवार को अक्षय तृतीया है। जल्द ही श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति तथा श्री यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि तथा समय की घोषणा की जायेगी। 

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वहीं दूसरी तरफ केदानाथ धाम  बर्फ की चादर में थका दिखाई दे रहा है। धाम में चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ है। यहां  चल रहे सभी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्य कुछ दिनों तक के लिये बंद कर दिये गये हैं। भारी बर्फबारी के चलते सबकुछ जमने लग गया है और यहां के लोग बर्फ को उबालकर पानी पीने को मजबूर हैं।  अब केदारनाथ में सिर्फ साधु-संत ही रह रहे हैं। 


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vasudha

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