कलियुग में इन दो धामों की यात्रा बदल सकती है जीवन, जानें इसके चमत्कारी लाभ
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 11:31 AM (IST)

नारी डेस्क: उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध चार धामों में से दो केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं। 2 मई की सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुले जबकि 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए। जैसे ही ये पवित्र द्वार खुले हजारों भक्तों ने दर्शन कर यात्रा की शुरुआत कर दी। हर साल हजारों श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। माना जाता है कि इन स्थलों की यात्रा से जीवन के कई कष्ट दूर हो सकते हैं।
कलियुग में चार धाम यात्रा का महत्व
हिंदू धर्म में चार युगों की मान्यता है सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। माना जाता है कि कलियुग सबसे पापमय युग है जिसमें अधर्म और दुःख अपने चरम पर होता है। इसीलिए लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या कलियुग में बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा भी उतनी ही फलदायी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हां, इन तीर्थ स्थलों की यात्रा आज भी उतनी ही शुभ और लाभकारी मानी जाती है।
केदारनाथ धाम – शिव जी की कृपा पाने का स्थान
केदारनाथ धाम, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में केदार पर्वत पर स्थित है। यह भगवान शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। केदारनाथ के दर्शन करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और जीवन में आने वाले दुख कम हो सकते हैं। यह भी माना जाता है कि केदारनाथ की यात्रा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है।
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बद्रीनाथ धाम – विष्णु जी का दिव्य निवास
बद्रीनाथ धाम, भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है। यह धाम उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित है और अलकनंदा नदी के किनारे बसा हुआ है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से व्यक्ति को भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। यह स्थान आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का स्रोत माना जाता है।
पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति
केदारनाथ और बद्रीनाथ, दोनों धामों के दर्शन से पापों से मुक्ति मिल सकती है। केदारनाथ में दर्शन करने वाले भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि मिलने की मान्यता है। वहीं बद्रीनाथ में जब कपाट खुलते हैं तो वहां जलती हुई अखंड ज्योति के दर्शन करना विशेष पुण्य का कार्य माना जाता है। इस ज्योति को देखने से व्यक्ति के किए हुए पाप समाप्त हो सकते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
चार धाम यात्रा और जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति
कलियुग में भी चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस यात्रा से मनुष्य को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल सकती है। केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह मानसिक शांति और आत्मिक संतोष भी प्रदान करती है। यह यात्रा व्यक्ति को आध्यात्मिक बल देती है और जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति भी।
हर साल हजारों श्रद्धालु अपने धार्मिक विश्वास और भक्ति के साथ बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा करते हैं। ऐसा विश्वास है कि इन धामों के दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, दुख दूर होते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। अगर आप भी इस कलियुग में अपने जीवन को सकारात्मक दिशा देना चाहते हैं, तो एक बार बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा अवश्य करें। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक लाभ देती है, बल्कि जीवन में नई ऊर्जा और शांति भी भर देती है।