मुगल हरम का काला सच: कैसे तय होता था कि बादशाह के बिस्तर पर कौन जाएगी?
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 09:32 AM (IST)

नारी डेस्क: मुगल काल का हरम (Harem) राजमहल का वो हिस्सा होता था जहां सिर्फ महिलाएं रहती थीं और वहां किसी भी बाहरी पुरुष का जाना सख्त मना था। हरम का अपना एक अलग ही संसार होता था, जिसमें हजारों महिलाएं, रानियां, कनीजें (दासियाँ) और सेविकाएं शामिल होती थीं। ये महिलाएं बादशाह की सेवा में रहती थीं।
हरम में कैसे तय होता था कि बादशाह के बिस्तर पर कौन होगी?
इतिहासकारों और विदेशी यात्रियों के अनुसार, यह पूरी तरह बादशाह की मर्जी पर निर्भर करता था कि वो रात को किसके साथ समय बिताएंगे। चाहे वह उनकी कोई बेगम हो, या कोई खूबसूरत कनीज, या कोई अन्य महिला — चुनाव सिर्फ और सिर्फ बादशाह ही करते थे।
डच व्यापारी फ्रांसिस्को, जो जहांगीर के शासनकाल में भारत आए थे, उन्होंने अपने यात्रा विवरण में लिखा है कि जब तक बादशाह को बिस्तर पर जाने की इच्छा न हो, तब तक हरम में संगीत, नृत्य और शराब का दौर चलता रहता था। जैसे ही बादशाह का मन होता, तब फैसला लिया जाता कि उस रात उनके साथ कौन होगी।
हरम का जीवन कैसा होता था?
हरम कोई साधारण जगह नहीं थी। यह महल का एक विशेष, बेहद सुरक्षित और गुप्त भाग होता था। यहां महिलाओं के लिए हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी — सुंदर वस्त्र, गहने, सेविकाएं, संगीत, नृत्य और मनोरंजन के साधन।
लेकिन इस सुविधा के बीच कई सख्त नियम भी थे। कोई भी महिला हरम से बाहर नहीं जा सकती थी। अगर किसी ने भागने की कोशिश की या नियम तोड़े, तो सजा मौत होती थी।
रानियों की राजनीति और ईर्ष्या
हरम में रानियों और कनीजों के बीच प्रतिस्पर्धा भी होती थी। हर कनीज चाहती थी कि बादशाह का प्यार उसे मिले। अगर किसी रानी को लगता कि बादशाह किसी कनीज की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, तो वह उस कनीज को मरवा भी देती थी ताकि वह फिर कभी बादशाह को न दिखे। यह एक तरह की ‘बदला लेने की राजनीति’ भी थी जो हरम के भीतर चलती थी।
हरम की सुरक्षा व्यवस्था कैसी थी?
हरम की सुरक्षा बहुत कड़ी होती थी। वहाँ कोई भी पुरुष नहीं जा सकता था — सिर्फ बादशाह को ही वहाँ जाने की अनुमति थी। हरम की सुरक्षा हिजड़ों (किन्नरों) के हाथ में होती थी, जिन्हें "ख्वाजा सारा" कहा जाता था। ये हिजड़े ही हरम की निगरानी करते थे और पूरी तरह से वफादार माने जाते थे। अकबर ने हरम के लिए एक अलग प्रशासनिक व्यवस्था भी बनाई थी जिसमें सुरक्षा, मनोरंजन, खाना, कपड़े और अन्य सेवाओं का ध्यान रखा जाता था।
हरम में घुसने का मतलब मौत
हरम में किसी भी बाहरी व्यक्ति का घुसना सख्त अपराध था। एक बार एक युवक किले की दीवार फांदकर हरम में घुस गया। उसे पकड़कर औरंगजेब के सामने लाया गया। युवक ने झूठ बोलते हुए कहा कि वह सिर्फ किले की दीवार पर चढ़ा था और गलती से अंदर आ गया।
औरंगजेब ने आदेश दिया कि जैसे वह अंदर आया है, वैसे ही वापस जाए। लेकिन उससे पहले ही हिजड़ों ने उसे 60 फीट ऊंची दीवार से नीचे फेंक दिया। यह घटना बताती है कि हरम में घुसना जीवन से हाथ धो बैठने जैसा था।
मुगल हरम सिर्फ विलासिता का केंद्र नहीं था, बल्कि एक ऐसा बंद संसार था जिसमें हर चीज़ पर नियंत्रण था। सुरक्षा, नियम, संबंध और यहां तक कि भावनाएं भी। हर रात कौन बादशाह के साथ होगी, ये फैसला उसकी इच्छा और सत्ता के इर्द-गिर्द घूमता था। लेकिन उस हरम की दीवारों के भीतर एक रहस्यमयी, शक्तिशाली और खतरनाक दुनिया बसी होती थी, जिसकी झलक आज भी इतिहास के पन्नों में मिलती है।