भारत की शेरनी दिव्या देशमुख पर हमें गर्व, 19 साल की उम्र में बन गई शतरंज की World Champion

punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 06:21 PM (IST)

नारी डेस्क:  भारत की किशोर शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने अपने करियर की सबसे बड़ी सफलता हासिल करते हुए सोमवार को हमवतन और अपने से कहीं अधिक अनुभवी कोनेरू हम्पी को टाईब्रेकर में हराकर फिडे महिला विश्व कप का खिताब जीता। इस जीत से 19 साल की दिव्या ने ना सिर्फ यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीता बल्कि साथ ही ग्रैंडमास्टर भी बन गईं जो टूर्नामेंट की शुरुआत में असंभव लग रहा था। वह ग्रैंडमास्टर बनने वाली सिर्फ चौथी भारतीय महिला और कुल 88वीं खिलाड़ी हैं। 

PunjabKesari
नागपुर की इस खिलाड़ी ने शनिवार और रविवार को खेले गए दो क्लासिकल मुकाबलों के ड्रॉ होने के बाद टाईब्रेकर में जीत दर्ज की। सोमवार को समय नियंत्रित टाईब्रेकर की पहली बाजी में सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने हम्पी को फिर से ड्रॉ पर रोका लेकिन दूसरी बाजी में काले मोहरों से खेलते हुए उन्होंने दो बार की विश्व रैपिड चैंपियन को हराकर 2.5-1.5 से जीत दर्ज की। यह जीत ऐसे समय में मिली है जब भारत ने पुरुष शतरंज में काफी सफलता हासिल की है जिसमें विश्व चैंपियन डी गुकेश, आर प्रज्ञानानंदा और अर्जुन एरिगेसी जैसे खिलाड़ी लगातार अच्छे परिणाम दे रहे हैं।

PunjabKesari
 दिव्या अब हम्पी, डी हरिका और आर वैशाली के साथ देश की ग्रैंडमास्टर बनने वाली महिलाओं की सूची में शामिल हो गई हैं। महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंचने के साथ ही दिव्या ने अगले साल होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह पक्की कर ली थी जिससे यह तय होगा कि महिला विश्व चैंपियनशिप में विश्व चैंपियन चीन की जू वेनजुन से कौन मुकाबला करेगा। अपने से दोगुनी उम्र की प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ जीत के बाद भावुक दिव्या अपने आंसू नहीं रोक पाईं। हम्पी ने दिव्या के खिलाफ हारने से पहले आखिर तक संघर्ष किया। दिव्या ने कहा- ‘‘मुझे इसे (जीत को) समझने के लिए समय चाहिए। मुझे लगता है कि यह नियति की बात थी कि मुझे इस तरह ग्रैंडमास्टर का खिताब मिला क्योंकि इस (टूर्नामेंट) से पहले मेरे पास एक भी (ग्रैंडमास्टर) नॉर्म नहीं था और अब मैं ग्रैंडमास्टर हूं।'' 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static