आयुर्वेद में PCOD का पक्का इलाज! नहीं पड़ेगी दवाइयों की जरूरत

punjabkesari.in Saturday, Dec 02, 2023 - 06:18 PM (IST)

महिला स्वास्थ की बात करें तो पीसीओडी और पीसीओएस,  आज महिलाओं की जिंदगी में सबसे बड़ा रोग बना हुआ है। ये रोग महिला की पीरियड्स के साथ साथ प्रैगनेंसी कंसीव में भी मुश्किलें खड़ी कर देते हैं।आज 5 में से 2 महिलाएं इस रोग से जूझ रही है लक्षणों की बात करें तो हर महिला में इस रोग के अलग अलग लक्षण दिखते हैं जैसेः

कुछ लक्षण जो देखने को मिलते हैं...

1. चेहरे और शरीर पर अधिक बाल आने लगते हैं और किसी के बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं।

2. शरीर में सुस्ती महसूस होती है। पिंपल्स होने लगते हैं और स्वभाव में चि़ड़चिड़ापन आने लगता है।

3.  पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं। दर्द रहता है और ना के बराबर ब्लीडिंग होती है।

PunjabKesari

4. कुछ महिलाओं का वजन कम होता है तो कुछ का बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है क्या?

पीसीओडी से महिला अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट हो जाते हैं। ये हानिकारक तो नहीं होते लेकिन यह शरीर में ये हार्मोंनल गड़बड़ी कर देते हैं जिससे महिलाओं को कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती है।

आर्युेवद में रोग का पक्का इलाज!

बहुत सी महिलाओं का कहना है कि जब तक वह दवा खाती हैं। उन्हें रोग से छुटकारा मिल जाता है लेकिन दवा छोड़ने के बाद रोग फिर से उभर आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह रोग लाइफस्टाइल से जुड़ा है। आपका खान-पान और जीवनशैली में संतुलन होना जरूरी है इसकी मदद से ही आप रोग को हमेशा के लिए जड़ से खत्म कर सकते हैं।

आर्युवेद के अनुसार लें आहार

आर्युवेद के अनुसार, अपने आहार में कुछ विशेष सामग्री शामिल करके आप इस रोग को जड़ से खत्म कर सकते हैं। जैसेः करेले का जूस, करेले की सब्जी खाएं।

दरअसल, पीसीओएस रोगियों में इंसुलिन का उच्च स्तर होता है। इस रोग से पीड़ित महिला  को आंवला खाना चाहिए। आंवले का जूस, मुरब्बा और आचार के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। यह ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता हैं। 

मेथी के पत्ते और तुलसी भी इंसुलिन के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। 

PunjabKesari

मीठे की क्रेविंग होती है तो एक बड़ा शहद का चम्मच नींबू पानी में डालकर पीएं। इससे तलब भी कम होगी और वजन पर भी कंट्रोल होगा।

लाइफस्टाइल में ये बदलाव करने भी जरूरी

याद रखिए कि स्वस्थ और समय पर लिया गया संतुलित भोजन, इस रोग को जड़ से खत्म करने का पहला सबसे कारगर उपाय है। सुबह का नाश्ता छोड़े भी ना और समय पर भी करें।

सैर और योग जरूर करें। जिम जाएं लेकिन पहले हल्की एक्सरसाइज से शुरुआत करें। धीरे-धीरे वर्कआउट को बढ़ाएं। खासकर पेट के निचले हिस्से की एक्सरसाइज पर ध्यान दें ताकि बैली फैट कम हो।

PunjabKesari

पीसीओडी और पीसीओएस के रोगी महिलाओं में एक समस्या ये होती है कि इनका वजन जल्दी कम नहीं हो पाता। बहुत सी महिलाएं इस समस्या से जूझती है लेकिन जैसे जैसे आप लाइफस्टाइल हैल्दी करेंगी अपने आप वजन कंट्रोल में होता जाएगा।  

हैल्दी खाएं। अंकुरित अनाज, ब्राउन राइस, फल-सब्जियां लें।

मीठा, तला हुआ, हाई कैलोरी और जंक फूड खाने से बचें। अगर मीठा खाने का मन हो तो सेब खाएं। आर्टिफिशल शुगर फूड्स ना खाएं। 

दूध से बची चीजों का सेवन कम से कम करें।

ओवुलेशन को ठीक करें?

यह रोग आपके ओवुलेशन चक्र को ही प्रभावित करता है जिससे पीरियड्स और प्रेंगनेंसी दोनों में मुश्किल खड़ी हो जाती है। एक स्थिर ओवुलेशन ही इस रोग को कंट्रोल में रखेगा। अगर आप पीरियड्स को टालने के लिए गोलियों या फिर गर्भ-निरोधक गोलियों का सेवन करती हैं तो इनका बिलकुल सेवन ना करें।

PunjabKesari

नोटः यह रोग आपके लाइफस्टाइल से जुड़ा है इसे हैल्दी लाइफस्टाइल की मदद से ही जड़ से खत्म किया जा सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static