फिल्म जगत ने खो दिए एक और सितारा, मशहूर प्रोड्यूसर और एक्टर की Heart Attack से मौत
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 01:58 PM (IST)

नारी डेस्क: टेलीविजन और फिल्मों में अपने काम के लिए मशहूर निर्माता-निर्देशक-अभिनेता धीरज कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका मंगलवार सुबह 11:40 बजे निधन हो गया। 79 वर्षीय अभिनेता-निर्माता को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। निधन के समय उनके पुत्र आशुतोष कुमार उनके साथ थे। उन्हें तीव्र निमोनिया होने का पता चला था और वे आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
अभिनेता को कथित तौर पर हृदय गति रुकने से मृत्यु हुई थी। बताया जा रहा है कि अस्पताल से कागजी कार्रवाई पूरी होने और उनके पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाने में 2-3 घंटे लगेंगे। उनका अंतिम संस्कार संभवतः कल होगा क्योंकि उनके रिश्तेदार पंजाब से आ रहे हैं। उनके परिवार ने एक बयान में कहा- "बेहद दुख के साथ हमें यह सूचित करना पड़ रहा है कि प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता और निर्देशक धीरज कुमार का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। अंधेरी पश्चिम स्थित कोकिलाबेन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
बयान में आगे लिखा गया- मनोरंजन जगत में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले एक प्रतिभाशाली पेशेवर के निधन पर पूरा उद्योग शोक व्यक्त करता है। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएँ उनके परिवार, मित्रों और सहयोगियों के साथ हैं।" ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। धीरज कुमार ने 1965 में मनोरंजन जगत में कदम रखा। वह सुभाष घई और राजेश खन्ना के साथ एक टैलेंट शो के फाइनलिस्ट में से एक थे। राजेश खन्ना अंततः विजेता बने। उन्होंने 1970 से 1984 तक 21 पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने क्रिएटिव आई नामक एक प्रोडक्शन कंपनी शुरू की और इसके अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं।
बॉलीवुड में भी धीरज कुमार ने काफी यादगार फिल्में दी हैं जिनमें ‘बहारों फूल बरसाओ’, ‘हीरा पन्ना’, ‘रोटी कपड़ा और मकान, ‘स्वामी’, ‘सरगम’ और ‘कर्म युद्ध’ जैसी फिल्में शामिल हैं। इससे पहले, धीरज नवी मुंबई के खारघर इलाके में इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। उन्होंने सनातन धर्म के प्रसार में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की प्रशंसा की थी। उन्होंने पहले कहा था- "मैं यहां विनम्रता के साथ आया हूं। हालांकि मुझे वीवीआईपी कहा जाता है, मेरा मानना है कि असली वीवीआईपी भगवान हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने इस्कॉन मंदिर की भव्यता और महत्व के बारे में बात की और उनके शब्द हमेशा प्रेरणादायक होते हैं। "यहाँ के लोगों के प्यार और स्नेह ने मुझे गहराई से छुआ है। 'राधे राधे कृष्ण कृष्ण' जैसे वाक्यांशों का आध्यात्मिक महत्व बहुत महत्वपूर्ण है और इस मंदिर में आकर मुझे शांति का अनुभव होता है।"