अचानक हार्ट अटैक से 20 से ज्यादा मौतें: कोरोना वैक्सीन जिम्मेदार?

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 11:34 AM (IST)

नारी डेस्क:  हाल ही में कर्नाटक के हासन जिले से एक गंभीर खबर सामने आई, जहां 20 से ज्यादा लोगों की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस घटना के बाद कोरोना वैक्सीन को लेकर फिर बहस छिड़ गई कि कहीं इन मौतों की वजह वैक्सीन तो नहीं है। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें सामने आईं और इस मामले ने राजनीतिक गलियारों तक हलचल मचा दी।

सरकार ने शुरू की जांच, बनी विशेषज्ञों की समिति

हालात गंभीर होते देख कर्नाटक सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच के आदेश दिए और जयदेव इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज़ एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. केएस रविंद्रनाथ को इस समिति की जिम्मेदारी सौंपी। समिति से 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया।

स्वास्थ्य मंत्रालय की सफाई: वैक्सीन नहीं है जिम्मेदार

अब इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और AIIMS की तरफ से एक संयुक्त रिपोर्ट आई है जिसमें साफ कहा गया है कि इन मौतों का कोरोना वैक्सीन से कोई सीधा संबंध नहीं है। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की मौत हुई, उन्हें पहले से ही हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी बीमारियां थीं और समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी हालत बिगड़ गई।

सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें, वैज्ञानिक आधार नहीं

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कोरोना वैक्सीन ने देश में संक्रमण और मौतों की संख्या को कम करने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने लोगों को भ्रमित किया और वैक्सीन को दोष देने की कोशिश की गई, जिसका वैज्ञानिक रूप से कोई प्रमाण नहीं मिला।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर कहा कि, “दुनिया भर के कई रिसर्च यह दिखाते हैं कि कुछ मामलों में वैक्सीन से जटिलताएं हो सकती हैं। भारत में जिस तेजी से इमरजेंसी अप्रूवल के तहत वैक्सीनेशन किया गया, उस पर दोबारा विचार होना चाहिए।” इस बयान के बाद राजनीतिक और मेडिकल क्षेत्रों में फिर से बहस शुरू हो गई।

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हासन जिले में हार्ट अटैक के आंकड़े

कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो वर्षों में हासन जिले में 507 हार्ट अटैक के केस सामने आए, जिनमें 190 लोगों की मौत हुई। इन मौतों और वैक्सीन की डोज़ के बीच कोई सीधा संबंध या पैटर्न नहीं मिला। इससे यह स्पष्ट होता है कि वैक्सीन नहीं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य कारण ही इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।

वैक्सीनेशन अभियान का पूरा विवरण

16 जनवरी 2021 से कर्नाटक में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई। पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी गई। इसके बाद 45 साल से ऊपर और फिर 18-44 आयु वर्ग को टीका लगाया गया। राज्य में प्रमुख रूप से कोविशील्ड और को-वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया। CoWIN पोर्टल और CoWIN Kar मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को स्लॉट दिए जाते थे। वैक्सीन की स्टोरेज और वितरण के लिए बेंगलुरु, बेलगावी, मैसूरु, कलबुर्गी, दक्षिण कन्नड़, बगलकोट और चित्रदुर्ग जैसे ज़िलों में केंद्र बनाए गए।

कर्नाटक में हुई हार्ट अटैक से मौतों का कोरोना वैक्सीन से कोई सीधा लेना-देना नहीं है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट, सरकार की प्रतिक्रिया और आंकड़े यह साबित करते हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और अफवाहों पर ध्यान देने की बजाय, वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करना ज़रूरी है।
 

 

 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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