मूवी छपाक में 'एसिड सर्वाइवर' लक्ष्मी का किरदार निभाएंगी दीपिका, जानिए पीड़िता के संघर्ष की कहानी
punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2019 - 03:35 PM (IST)

दीपिका पादुकोण इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म छपाक में बिजी हैं। हाल ही में छपाक का पोस्टर रिलीज हुआ है जिसमें दीपिका का फर्स्ट लुक सामने आया है जिसमें उन्हें पहचान पाना मुश्किल है। दरअसल वह एक एसिड सर्वाइवर के रुप में नजर आ रही हैं। यह स्टोरी एक रियल बेस्ड स्टोरी है, जिसे मेघना गुलजार डायरेक्ट कर रही हैं। दीपिका, एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की बायोपिक में उनकी भूमिका में नजर आएगी। दीपिका की लुक देखे तो वह हुबहू लक्ष्मी के जैसी ही लग रही हैं। वैसे ही उदासी उनके चेहरे पर नजर आएगीजैसी लक्ष्मी के चेहरे पर है।
फिल्म छपाक से दीपिका पादुकोण की फर्स्ट लुक
इस स्टोरी को लेकर अब हर किसी के मन में यहीं सवाल होगा कि आखिर यह लड़की हैं कौन और कैसे घटी उनके साथ यह अनहोनी... तो चलिए आज हम आपको एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की लाइफस्टोरी के बारे में बताएंगे जिनपर साल 2005 में 32 साल के युवक ने अपने 2 दोस्तों के साथ मिलकर एसिड अटैक किया था।
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15 साल की उम्र में हुई एसिड अटैक की शिकार
1990 में दिल्ली में जन्मी लक्ष्मी ने सिर्फ दसवीं तक की ही पढ़ाई की है उन्हें म्यूजिक और डांस बहुत पसंद है, इसलिए वह एक सिंगर बनना चाहती थीं लेकिन साल 2005 में उनके सारे सपनों को एक शख्स रौंद गया। 2005 में 15 साल की लक्ष्मी पर 32 साल के शख्स गुड्डा ए.के. नाहिम खआन और उसके दो और दोस्तों ने मिलकर एसिड अटैक किया था। ऐसा करने का कारण यह था कि लक्ष्मी ने उससे शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
मिशेल ओबामा ने किया अंतर्राष्ट्रीय महिला साहस पुरस्कार से सम्मानित
एसिड अटैक से बुरी तरह जख्मी हुई लक्ष्मी ने सेहत में सुधार होने पर खुद को अकेले मायूस नहीं होने दिया ब्लकि एसिड अटैक पर स्टॉप लगाने के प्रचार में लग गईं। 2006 में लक्ष्मी ने एक जनहित याचिका दायर की और उस याचिका के जरिए एसिड की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली क्योंकि एसिड हमले जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे थे।लक्ष्मी अग्रवाल के साथ और एसिड अटैक पीड़ित लोगों ने मिलकर पुनर्वास के लिए भूख हड़ताल भी किया था। उन्होंने स्टॉपसेल एसिड अभियान भी चलाया, जिसके लिए लक्ष्मी को कई पुरुस्कारों से नवाजा भी गया है। साल 2014 में लक्ष्मी, फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा से अंतर्राष्ट्रीय महिला साहस पुरस्कार से भी नवाजी जा चुकी हैं।
बस लक्ष्मी की मेहनत सफल हुई अभियान के चलते 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने नियम लागू किया जिसके चलते 18 साल से कम उम्र का कोई व्यक्ति एसिड नहीं खरीद सकता, साथ ही अगर कोई एसिड खरीदने जा रहा है तो उसे पहले दुकानदार को अपना पहचानपत्र देना होगा।
लिव-इन रिलेशनशिप में रहकर दिया बेटी को जन्म
बता दें कि साल 2014 में लक्ष्मी की मुलाकात आलोक दीक्षित से हुई थी, जिसके बाद दोनों में प्यार हुआ और वह लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगें। दोनों की एक बेटी भी है, जिसका नाम पीहू है हालांकि अब दोनों साथ नहीं रहते।
लक्ष्मी ने शादी ना करने का कारण बताया था कि भारत में दुल्हन काफी सुंदर होती हैं और उन्हें इस बात का ही डर सताता था कि लोग उन्हें अस्वीकार करेंगे, जिसके चलते उन्होंने शादी ना करने का फैसला किया। लक्ष्मी ने आलोक के साथ मिलकर एक गैर सरकारी संगठन चव्हाण फाउंडेशन की स्थापना की।