2 साल की बच्ची संग डिलीवरी करता पिता, इस डिलीवरी एजेंट की कहानी हर दिल को छू जाएगी
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 05:15 PM (IST)

नारी डेस्क: दिल्ली से गुरुग्राम में रहने वाले एक कंपनी के सीईओ मयंक अग्रवाल ने हाल ही में एक ऐसी कहानी लिंक्डइन पर साझा की जिसने सोशल मीडिया पर सबका दिल छू लिया। ये कहानी एक स्विगी डिलीवरी एजेंट पंकज की है जो अपनी छोटी बेटी के साथ ऑर्डर डिलीवर करते हैं। उनकी मजबूरी, जिम्मेदारी और पिता का प्यार देखकर हर कोई भावुक हो रहा है।
काम पर दो साल की बेटी को साथ लाते हैं पंकज
पंकज, एक स्विगी डिलीवरी पार्टनर हैं। उनकी पत्नी का निधन बच्चे को जन्म देते समय हो गया था। अब घर पर उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उनका बड़ा बेटा, टुनटुन, कोचिंग क्लास जाता है। ऐसे में पंकज को अपनी दो साल की बेटी को साथ लेकर ऑर्डर डिलीवर करना पड़ता है। उनकी ये स्थिति जितनी मुश्किल है, उतनी ही इंसानी जज़्बे और प्यार से भरी हुई भी है।
सीईओ मयंक अग्रवाल ने साझा की पूरी कहानी
मयंक अग्रवाल ने बताया कि एक बार जब उन्होंने खाना मंगवाया तो डिलीवरी बॉय से ऊपर आने को कहा। तभी उन्हें फोन पर एक बच्चे की आवाज सुनाई दी तो वे खुद नीचे चले गए। नीचे पहुंचकर उन्होंने देखा कि डिलीवरी एजेंट पंकज अपनी नन्ही बच्ची के साथ बाइक पर बैठे थे। जब मयंक ने उनसे पूछा कि वे बच्ची को साथ क्यों लाते हैं तो पंकज ने जवाब दिया, "घर पर कोई नहीं है, बेटा शाम को कोचिंग जाता है, और बच्ची को कौन संभाले?"
कुछ लोगों ने पंकज को समझने की बजाय झिड़क दिया
मयंक ने लिखा कि कुछ ग्राहकों ने पंकज से यह तक कह दिया कि "अगर बच्चा संभाल नहीं सकते तो घर बैठो। ये तुम्हारी समस्या है।" इस पर मयंक ने सवाल उठाया कि "हम एक समाज के रूप में कहां जा रहे हैं?" पंकज ने कभी किसी से शिकायत नहीं की, बस मुस्कुरा कर रह गए। मयंक ने लिखा, "हम कितनी चीजों को हल्के में ले लेते हैं और कितने लोग चुपचाप असाधारण बोझ उठा रहे होते हैं।"
पिता का प्यार भी उतना ही मजबूत होता है
इस पोस्ट पर हजारों लोगों ने प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, "डिलीवरी बॉय रोबोट नहीं हैं, वो भी इंसान हैं।"दूसरे ने कहा, "बेरोजगारी और सिस्टम की खामियां ऐसे लोगों के साथ नाइंसाफी कर रही हैं।"
मयंक अग्रवाल की यह पोस्ट सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसा आईना है जिसमें हम अपने समाज की संवेदनशीलता और असंवेदनशीलता दोनों को देख सकते हैं। कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर कर यह कहा कि हमें ऐसे लोगों को सम्मान देना चाहिए जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने परिवार का साथ नहीं छोड़ते।