अमरनाथ यात्रा के लिए है 2 रूट, 14 KM को छोड़ 48 KM वाले लंबे रास्ते से क्यों जाते हैं श्रद्धालु?

punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 09:33 AM (IST)

नारी डेस्क: तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे के बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से गुफा मंदिर के लिए रवाना होने के साथ ही वार्षिक अमरनाथ यात्रा वीरवार को शुरू हो गई। दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तड़के घाटी से दो मार्ग-अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग, से शुरू हुई। 

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 ज़रूरी दस्तावेज और सामान जरूर रखें साथ 

-यात्रा रजिस्ट्रेशन स्लिप

-हेल्थ सर्टिफिकेट

-ID प्रूफ

-हेलीकॉप्टर टिकट (यदि बुक किया हो)


आज हुई यात्रा की शुरूआत

 दिन निकलने के साथ ही पुरुष, महिला और साधु-संतों सहित तीर्थयात्रियों के जत्थे नुनवान और बालटाल आधार शिविर से रवाना हो गए।  वरिष्ठ अधिकारियों ने जैसे ही आधार शिविरों से जत्थों को हरी झंडी दिखाई तो ‘बम बम भोले' के जयकारे गूंजने लगे। तीर्थयात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे जहां प्रशासन तथा स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। तीर्थयात्री अमरनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे, जहां बर्फ से बना शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट होता है। यात्रा के सुचारू संचालन के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया गया है। तीर्थयात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।

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जरूरी सामान

-गरम कपड़े, बारिश का जैकेट

-अच्छे ग्रिप वाले जूते

-दवाइयां, टॉर्च, सनग्लासेस

-ऊनी मोजे, दस्ताने, पानी की बोतल


 गुफा तक जाने के हैं दो रास्ते

पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए दो संभावित मार्ग स्थापित किए गए हैं, एक जम्मू से पहलगाम और दूसरा जम्मू से बालटाल। तीर्थयात्री इन दोनों स्थानों में से किसी से भी अपनी दिव्य यात्रा शुरू कर सकते हैं। इन दो मार्गों में से बालटाल, उत्तरी मार्ग छोटा है जो लगभग 14 किमी लंबा है। हालांकि, यह अधिक खड़ी चढ़ाई वाला है इसलिए लोग ज़्यादातर पहलगाम से शुरू होने वाले मार्ग को पसंद करते हैं जो लंबा लेकिन आसान और अधिक पारंपरिक है। भक्त अपनी यात्रा श्रीनगर या पहलगाम से नंगे पांव शुरू कर सकते हैं।


बालटाल से 14 किमी दूर है गुफा

बालटाल से डोमाली तक आपको 2 किमी की दूरी तय करनी होगी और फिर डोमाली से बरारी पहुंचने के लिए आपको 6 किमी की दूरी तय करनी होगी और फिर 4 किमी की दूरी तय करने के बाद आप संगम पहुंच सकते हैं और फिर गुफा की ओर बढ़ सकते हैं जो गुफा से 2 किमी दूर है। पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए बालटाल से लगभग 14 किमी की दूरी है और इसे पूरा करने में लगभग 1-2 दिन लगते हैं। कुछ सुरक्षा मुद्दों के कारण इस मार्ग पर टट्टू की सवारी का प्रावधान नहीं है और पवित्र गुफा तक पहुंचने का एकमात्र विकल्प पैदल चलना या डंडी का विकल्प चुनना है। गुफा से वापस आने के लिए यह सबसे अच्छा मार्ग है क्योंकि दूसरे मार्ग की ढलान काफी खड़ी है जिससे कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल हैं।

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यात्रा के दौरान बरतें ये सावधानियां

-13 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र वालों को यात्रा की अनुमति नहीं है।

-हार्ट पेशेंट, सांस की बीमारी वाले यात्री यात्रा से बचें।

-ऊंचाई पर ऑक्सीजन कम होती है, धीरे-धीरे ट्रेक करें

-मौसम में अचानक बदलाव होता है, इसलिए तैयार रहें


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Content Writer

vasudha

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