प्रेगनेंसी में क्यों काले पड़ जाते हैं निपल्स? जानिए एक्सपर्ट की राय

punjabkesari.in Wednesday, Oct 28, 2020 - 01:02 PM (IST)

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिसमें से एक निपल्स का डार्क होना भी है। अक्सर महिलाएं इसे लेकर परेशान हो जाती है लेकिन इस बारे में आपको चिंता करने की जरूर नहीं क्योंकि प्रसव के बाद यह समस्या खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है। चलिए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में निपल्स का डार्क होना क्या और इसे कैसे रोका जाए?

निपल्स डार्क होने के कारण

दरअसल, प्रेग्नेंट होने के बाद से ही महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। ये प्राइमरी हार्मोन्स ब्रेस्ट में मिल्क तैयार करते हैं, ताकि वो स्त्रावित हो सके। इसी वजह से निपल्स हाइपरपिगमेंटेड हो जाते हैं और उनका रंग काला पड़ जाता है। इसके अलावा मेलेनिन का स्त्राव भी बढ़ जाता है, जो त्वचा को रंग को डार्क करने के लिए जिम्मेदार है। इसके कारण सिर्फ निपल्स ही नहीं बल्कि त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है।

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बढ़ जाता है निपल्स का साइज

वहीं, आखिरी दिनों में ब्रेस्ट साइज के साथ निप्पल का आकार भी बढ़ता है क्योंकि वह ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार हो जाते हैं। कई बार सेबेशियस ग्लैंड (sebaceous gland) बढ़ने के कारण इस समय निपल्स पर छोटे-छोटे दाने भी निकल आते हैं। ये ग्लैंड निपल्स को ड्राई नहीं होने देते।

ऐसा कब तक रहता है?

डिलीवरी के कुछ महीनों के इनका रंग नॉर्मल हो जाता है। ऐसे में महिलाओं को इस बारे में किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये स्थाई निशान नहीं छोड़ते। हालांकि एक साल तक भी यह समस्या दूर ना हो तब आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। 

क्या ब्रेस्टफीडिंग करवा सकती हैं महिलाएं?

डॉक्टर सिर्फ हाइपरपिगमेंटेशन की वजह से ब्रेस्टफीडिंग न करवाने की सलाह नहीं देते। ब्रेस्टफीडिंग शिशु ही नहीं आपके लिए भी जरूरी है इसलिए इसे बंद ना करें।

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त्‍वचा और निपल्स को डार्क होने से रोकने के तरीके

. जितना हो सके धूप के संपर्क में ना आए क्योंकि इससे त्वचा का रंग अधिक गहरा होने लगता है। विटामिन-डी के लिए आप चाहें तो सुबह की गुनगुनी धूप ले सकती हैं।
. डॉक्‍टर द्वारा प्रिस्क्राइब सनस्‍क्रीन लोशन जरूर लगाएं। सिर्फ घर से बाहर जाते समय ही नहीं, अंदर भी लोशन लगाकर रखें।
. खुद को हाइड्रेटेड रखें और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का कम से कम इस्तेमाल करें।
. इस समय महिलाओं को कम्फर्टेबल और ढीले-ढाले कपड़े पहनने चाहिए।
. प्रेगनेंसी में हार्श साबुन का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इसकी वजह से यह एरिया ड्राई हो सकता है।
. नहाने के बाद क्रीम या माइश्चराइजर लगाना ना भूलें।

क्या निप्पल की मसाज की जा सकती है?

जी नहीं, ऐसा करने से वो उत्तेजित हो सकते हैं, जिससे ऑक्सिटोसिन का स्राव बढ़ जाते से हार्मोन लेबर पेन शुरू हो सकता है। वहीं इससे अबॉर्शन की नौबत आ सकती है इसलिए बेहतर होगा कि आप ऐसा ना करें। आप चाहे तो जैतून तेल लगा सकती है लेकिन उससे  उत्तेजना नहीं आनी चाहिए।

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Content Writer

Anjali Rajput

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