नवरात्रि में क्यों नहीं खाया जाता लहसुन-प्याज, जानिए राक्षसों से क्या है इसका कनेक्शन ?

punjabkesari.in Tuesday, Mar 18, 2025 - 03:39 PM (IST)

नारी डेस्क:  इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। इन 9 दिनों में देवी दुर्गा की उपासना की जाती है और इन नौ दिनों में भक्त सात्त्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इस दौरान लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित माना जाता है, क्योंकि इसे तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है। इसके पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं।  
 

यह भी पढ़ें: वैष्णो देवी भवन से आई बड़ी खबर
 

देवी पूजन में सात्त्विक भोजन का महत्व
  
 नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की साधना में मन और शरीर की शुद्धि जरूरी मानी जाती है। लहसुन और प्याज को तामसिक (रजोगुणी और तमोगुणी) भोजन माना गया है, जो मानसिक अशुद्धि और क्रोध को बढ़ाता है।  सात्त्विक भोजन में सिर्फ फल, दूध, दही, साबूदाना, सेंधा नमक और हल्का भोजन ही किया जाता है।  

 

राक्षसों के रक्त से उत्पन्न लहसुन-प्याज की मान्यता

एक पौराणिक कथा के अनुसार,  जब देवता और असुरों के बीच सागर मंथन हो रहा था तो उसमें 9 रत्न निकले थे और आखिरी में अमृत निकला था। इसके बाद भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप लिया और देवताओं को अमृत पिलाने लगे तभी दो दानव राहु-केतु ने देवताओं का रूप रख लिया और अमृत पी लिया। इसके बाद भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से अलग कर दिया। माना जाता है कि उनका सिर जब धड़ से अलग हुआ तो उनके खून की कुछ बूंदें जमीन पर गिर गईं और उससे ही लहसुन प्याज की उत्पत्ति हुई। मान्यता है कि राक्षस से उत्पन्न होने के कारण भी लहुसन और प्याज का सेवन नहीं किया जाता है।
 

यह भी पढ़ें: लहंगे ने रोक दी सुपरफास्ट वंदे भारत एक्सप्रेस
 

आध्यात्मिक मान्यता

नवरात्रि में उपवास रखने का उद्देश्य देह और मन की शुद्धि* करना होता है।  लहसुन-प्याज में तामसिक ऊर्जा होती है, जिससे व्यक्ति में काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसी प्रवृत्तियां बढ़ जाती हैं। नवरात्रि में भक्तों को आत्म संयम और पवित्रता बनाए रखने के लिए इनका सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।  माना जाता है कि इन नौ दिनों में शुद्ध सात्त्विक भोजन से देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।  


 वैज्ञानिक कारण

लहसुन-प्याज शरीर में गर्मी और एसिडिटी बढ़ाते हैं, नवरात्रि में लोग हल्का भोजन करते हैं, ताकि पाचन तंत्र को आराम मिले।  लहसुन-प्याज का सेवन शरीर में अम्लता (एसिडिटी) बढ़ाता है, जिससे पेट में जलन हो सकती है।  लहसुन-प्याज खाने से ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव हो सकता है।  इनकी तासीर गर्म होती है, जो उपवास के दौरान शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है।  प्याज खाने से आलस्य और सुस्ती आ सकती है, जिससे ध्यान और पूजा में मन नहीं लगता।  
 

यह भी पढ़ें: बार-बार पेशाब आना हो सकता है बच्चेदानी में गांठ के संकेत
 

 नवरात्रि में क्या खाना चाहिए? 

सात्त्विक आहार: 

-फल (सेब, केला, पपीता)  
-दूध, दही, पनीर  
-साबूदाना, समा के चावल, कुट्टू का आटा  
-सेंधा नमक, मूंगफली, मखाना  
-नारियल पानी, शहद  

क्या नहीं खाना चाहिए

- प्याज और लहसुन  
- मांसाहारी भोजन  
-शराब या तामसिक पदार्थ  
- ज्यादा मिर्च-मसाले वाला भोजन  
-तली-भुनी चीजें  
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static