Holi 2025: इस बार त्योहार पर लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कब शुरू होगा सूतक काल
punjabkesari.in Tuesday, Mar 11, 2025 - 05:27 PM (IST)

नारी डेस्क: चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब घटती है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा धीरे-धीरे काला या लाल दिखाई देने लगता है। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया से ढक जाता है, तो इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। इस समय चंद्रमा की रंगत लाल हो जाती है और इसे ब्लड मून (Blood Moon) भी कहा जाता है। साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च, 2025 को होली के दिन पड़ेगा। इस लेख में हम आपको इस चंद्र ग्रहण के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जैसे कि चंद्र ग्रहण का समय, भारत में इसे देखा जा सकेगा या नहीं, और इसका सूतक काल कब से शुरू होगा।
चंद्र ग्रहण का समय
साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च, शुक्रवार को लगेगा। भारत के समयानुसार इस चंद्र ग्रहण का प्रारंभ सुबह 9 बजकर 27 मिनट से होगा। इसका समापन दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद, चंद्र ग्रहण पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा, जो होली की दोपहर साढ़े तीन बजे तक होगा। इस दौरान चंद्र ग्रहण का दृश्य बदलाव देखने के लिए आपको समय का ध्यान रखना होगा।
क्या भारत से चंद्र ग्रहण दिखाई देगा?
इस चंद्र ग्रहण का समय भारत में सुबह के समय पड़ रहा है। ऐसे में भारत के समयानुसार यह चंद्र ग्रहण यहां से देखा नहीं जा सकेगा। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी अफ्रीका, यूरोप, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका से देखा जा सकेगा। इन क्षेत्रों में लोग इस ग्रहण का दृश्य देख सकेंगे और यह ब्लड मून के रूप में दिखाई देगा।
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क्या होलिका दहन पर लगेगा सूतक काल?
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है। सूतक काल वह समय होता है जिसे हिन्दू धर्म में अशुभ माना जाता है और इस दौरान कई प्रकार के धार्मिक कार्यों को करने की मनाही होती है। अब, चंद्र ग्रहण होली के दिन सुबह में हो रहा है, तो कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि क्या होलिका दहन के दिन ही सूतक काल शुरू हो जाएगा। लेकिन एक महत्वपूर्ण बात यह है कि जहां चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकता, वहां सूतक काल को मान्यता नहीं दी जाती। इसलिए, भारत में जहां चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा, वहां होलिका दहन पर सूतक काल लागू नहीं होगा।
सूतक काल का महत्व
सूतक काल के दौरान कई कार्यों की मनाही होती है जैसे पूजा-पाठ, खाना पकाना, आदि। यह समय विशेष रूप से ग्रहण के दौरान शांति बनाए रखने के लिए होता है। लेकिन, जैसा कि हमने बताया, यह सूतक काल केवल उन्हीं स्थानों पर लागू होता है जहां चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है। भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा, क्योंकि यहां से यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।