नहर में बहते मिले कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर के 621 इंजेक्शन

punjabkesari.in Saturday, May 08, 2021 - 11:49 AM (IST)

देश भर में फैली कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जहां चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। वहीं कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी किल्लत सामने आ रही है. इस बीच पंजाब में हजारों की संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप नहर में बहते हुए मिले। 
 

 दरअसल, पंजाब के चमकौर साहिब के नजदीक भाखड़ा नहर से सैकड़ों रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन बरामद किए गए हैं। इनमें सरकार को सप्लाई किए जाने वाले 1456 इंजेक्शन, 621 रेमडेसिवीर इंजेक्शन व 849 बिना लेबल के इंजेक्शन भी शामिल हैं। 
 

 जानकारी के अनुसार एक ग्रामीण ने भाखड़ा नहर में रेमडेसिविर इंजेक्शनों की खेप देखी तो इसकी सूचना पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को दी, जिसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। हालांकि इंजेक्शन असली है या नकली इसकी पुष्टि होनी बाकी है।


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रेमडेसिविर के करीब 671 इंजेक्शन मिले
स्वास्थ्य विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर ने मीडिया को बताया कि रेमडेसिविर के करीब 621 इंजेक्शन मिले हैं, जबकि शुरुआती जांच में ये नकली लग रहे हैं. लेकिन इसकी पुष्टि के लिए जांच चल रही है. इस दौरान 1456 से भी अधिक एंटीबायोटिक इंजेक्शन सैफापेराजोन की खेप भी नहर से मिली है, जबकि 849 बिना लेवल वाले इंजेक्शन हैं, जिनके प्रिंट पानी में धुल चुके थे। इन पर सरकारी आपूर्ति लिखा है. यह सरकारी आपूर्ति किस राज्य के लिए है, इस बारे में कुछ नहीं लिखा है। 


रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जारी
जानकारी के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्‍शन पर MRP 5400 रुपए व मैन्युफैक्चरिंग डेट मार्च 2021 और एक्सपायरी डेट नवंबर 2021 लिखी है। सेफोपेराजोन इंजेक्शन पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अप्रैल 2021 व एक्सपायरी डेट मार्च 2023 अंकित है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन टीकों पर फॉर गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल भी लिखा हुआ है. बता दें है कि देश में रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन के इंजेक्शनों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है।
 

जांच के दिए आदेश-
वहीं इस पर डीएसपी चमकौर साहिब सुखजीत सिंह विर्क ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की शिकायत के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में अकाली दल के उपाध्यक्ष डॉक्टर दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि नहर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने के मामले में गंभीरता के साथ जांच की जानी चाहिए।


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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