संतो को भी नहीं छोड़ा AI ने, प्रेमानंद जी महाराज की वीडियो का हो रहा गलत इस्तेमाल !
punjabkesari.in Tuesday, Apr 08, 2025 - 03:07 PM (IST)

नारी डेस्क: एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) ने लोगों का काम आसान करने की जगह बिगाड़ ज्यादा दिया है। इसके सदुपयोग से ज्यादा दुरुपयोग शुरू हो गया है, जिसके हम कई उदाहरण देख चुके हैं। एआई ने तो अब प्रख्यात संत प्रेमानंद जी महाराज को भी नहीं छोड़ा, उनके प्रवचनों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। अब इसे लेकर श्रीराधा केलिकुंज ने चेतावनी जारी की है।
दावा किया जा रहा है कि एआई की मदद से महाराज जी के प्रवचन को दूसरी भाषाओं में प्रसारित किया जा रहा है। ऐसे में श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम ने भक्तों को सतर्क रहने के लिए कहा है। हाल ही में जारी सूचना में लिखा गया- “आप सभी को सूचित व सावधान करना है कि वर्तमान में कई लोग पूज्य गुरुदेव श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज की वाणी व उपदेशों को Artificial Intelligence (AI) के माध्यम से अन्य भाषाओं में परिवर्तित करके या मनमाने ढंग से प्रस्तुत कर Social Media Platforms पर डाल रहे हैं जो कि बिल्कुल ही मर्यादा व कानून के खिलाफ है।
नोट में आगे लिखा गया- आप सभी से प्रार्थना व निवेदन है कि पूज्य महाराज जी की वाणी की गरिमा उनकी मूलभूत भाषा शैली में ही बनी रहे इसलिए कोई भी AI का प्रयोग कर ऐसी Videos ना बनाएं ना समर्थन करें या ना ही कहीं Share करें ।” एक और नोट में यह भी कहा गया कि श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम, वृंदावन की अन्य कहीं भी किसी भी प्रकार की कोई शाखा (Branch) नहीं है। श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम के द्वारा किसी भी प्रकार का भूमि / फ्लैट / प्लीट एवं भवन निर्माण आदि का विक्रय (Sale) का कार्य नहीं किया जाता है। आश्रम का कहीं भी किसी भी प्रकार का होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, यात्री विश्राम स्थल,चिकित्सालय, गुरुकुल और विद्यालय नहीं है। आश्रम की कोई भी गौशाला नहीं है।
आश्रम का कहना है कि श्रीहित प्रेमानंद महाराज व श्रीराधा केलिकुंज आश्रम का नाम जोड़कर कोई भी व्यक्ति, शिष्य परिकर, संत वेषधारी किसी भी प्रकार से भ्रमित करता है, तो ऐसे व्यक्ति से सावधान व सतर्क रहें, उनके झांसे में न आएं। यह भी बताया गया कि आश्रम परिसर में एकान्तिक वार्तालाप, सत्संग, कीर्तन एवं वाणी पाठ में सम्मलित होना एकदम निःशुल्क (Free)है। इसके लिए एक दिन पहले आश्रम में आकर नाम लिखवाना अनिवार्य है।