सावधान! ऐसी शादी से जन्मे बच्चों में बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा, जानें कैसे
punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 05:58 PM (IST)
नारी डेस्क : हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पैदा हो। लेकिन कई बार जन्म के बाद पता चलता है कि बच्चे को गंभीर जेनेटिक (Genetic) या मेटाबॉलिक (Metabolic) बीमारी है, जिसका इलाज जीवनभर संभव नहीं। डॉक्टरों के अनुसार, ऐसी बीमारियों की सबसे बड़ी वजह कई बार माता-पिता का एक गलत फैसला रिश्तेदारी में शादी होता है। रिश्तेदारी में होने वाली शादी से पैदा होने वाले बच्चों में जेनेटिक और मेटाबॉलिक बीमारियां कई गुना बढ़ जाती हैं। इसलिए ऐसी शादी से जितना हो सके, बचें।
क्यों बढ़ जाती हैं बीमारियां?
रिश्तेदारी में शादी होने पर माता-पिता के शरीर में मौजूद छोटे-छोटे जेनेटिक दोष (Genetic Mutations) बच्चे में एक साथ मिल जाते हैं और यही मिलकर गंभीर बीमारी का रूप ले लेते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि ऐसी शादियों से पैदा बच्चों में दिमागी विकास रुक सकता है, मेटाबॉलिक बीमारियां विकसित हो सकती हैं, ग्रोथ धीमी पड़ सकती है और कई मामलों में आजीवन चलने वाली बीमारियां भी हो सकती हैं। हालांकि कुछ लोग तर्क देते हैं कि ऐसे रोग उन बच्चों में भी देखे जाते हैं जिनके माता-पिता रिश्तेदारी में शादीशुदा नहीं होते, लेकिन वैज्ञानिक शोध और मेडिकल साइंस यह स्पष्ट रूप से साबित करते हैं कि सबसे अधिक जोखिम उन्हीं परिवारों में पाया जाता है जहां विवाह रिश्तेदारी में होते हैं, क्योंकि इसमें जेनेटिक दोषों का दोहरी ताकत से मिलना अधिक संभव होता है।

कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome)
फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम (Fragile X Syndrome)
क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome)
ट्रिपल-एक्स सिंड्रोम (Triple-X Syndrome)
इन बीमारियों से बच्चों में मानसिक, बौद्धिक, व्यवहारिक और शारीरिक विकास जीवनभर प्रभावित रहता है।
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फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम सबसे चिंताजनक क्यों?
फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम को डॉक्टर सबसे चिंताजनक इसलिए मानते हैं क्योंकि यह सीधे बच्चे की बुद्धि, सीखने की क्षमता और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। इस स्थिति में बच्चों में व्यवहारिक समस्याएं बढ़ जाती हैं, उनका बौद्धिक विकास सामान्य गति से नहीं हो पाता और कई बार रोज़मर्रा की गतिविधियां भी चुनौती बन जाती हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि इस सिंड्रोम का कोई स्थायी इलाज मौजूद नहीं है। इसे केवल थेरेपी, विशेष शिक्षा और लक्षणों के प्रबंधन के जरिए संभाला जा सकता है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।

डॉक्टरों की साफ चेतावनी
डॉक्टरों की स्पष्ट चेतावनी है कि रिश्तेदारी में होने वाले विवाह बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं, क्योंकि ऐसे रिश्तों में जेनेटिक और मेटाबॉलिक बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की शादी से बचना ही आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा है। यही कारण है कि डॉक्टर आज के युवाओं से विशेष आग्रह करते हैं कि वे रिश्तेदारी में विवाह करने से परहेज़ करें, क्योंकि एक निर्णय उनके होने वाले बच्चे के पूरे जीवन और स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
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क्या रिश्तेदारी के बाहर शादी करने पर भी बीमारी होती है?
क्या रिश्तेदारी के बाहर शादी करने पर भी जेनेटिक बीमारियां हो सकती हैं? हां, लेकिन उनका जोखिम काफी कम होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार Consanguineous Marriage यानी रिश्तेदारी में विवाह वह स्थिति है, जिसमें जेनेटिक बीमारियों का खतरा सबसे अधिक बढ़ जाता है। ऐसे रिश्तों में माता-पिता के साझा जेनेटिक दोष बच्चे में एक साथ आकर गंभीर रूप ले लेते हैं, इसलिए विशेषज्ञ इन्हें उच्च-जोखिम वाला विवाह मानते हैं।

रिश्तेदारी में शादी करना सांस्कृतिक या पारिवारिक कारणों से आम है, लेकिन डॉक्टरों और रिसर्च के अनुसार यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। बच्चे का जन्म जीवन का सबसे कीमती पल होता है और उसे स्वस्थ जन्म देने की ज़िम्मेदारी माता-पिता की होती है।

