6 बीमारियों से बचाएगा 1 टीका, बच्चे को जरूर लगवाए कॉम्बिनेशन वैक्सीन
punjabkesari.in Saturday, Sep 12, 2020 - 01:18 PM (IST)
बच्चे को संभालना पेरेंट्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। हर मां-बाप को अपने बच्चे के लिए ऐसा माहौल बनाने की जरूरत होती है, जिससे वह अच्छे से रह सके और सुरक्षित महसूस कर सके। ऐसे में बच्चे की डाइट के साथ उसे संक्रमण से बचाए रखने के लिए समय- समय पर पीडियाट्रिशियन के पास जाने की भी जरूरत होती है। ताकि बच्चे का बेहतर तरीके से विकास हो सके। ऐसे में बात बच्चे के सुरक्षा के लिए टीकाकरण की करें तो इसको लेकर बहुत से पेरेंट्स सोच में रहते हैं कि कितने और कब इंजेक्शन की जरूरत होती है। मगर बच्चे को कॉम्बिनेशन वैक्सीन लगाने से कुल 6 बीमारियों से बच्चे का बचाव किया जा सकता है।
इस वैक्सीन को लेकर पेरेंट्स इस बात को लेकर सोचते हैं कि इसमें बच्चे को 1 से ज्यादा इंजेक्शन लगाने की जरूरत होगी। मगर इसके लिए सिर्फ 1 ही टीका लगवाने की जरूरत होती है। आप सिर्फ 1 वैक्सीन से ही अपने बच्चे को कई बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसे में कॉम्बिनेशन वैक्सीन लगवाने से बच्चे के साथ पेरेंट्स को भी बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास बार-बार जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
कॉम्बिनेशन वैक्सीनेशन क्या है?
इसमें कई वैक्सीन को मिलाकर बच्चे को लगाया जाता है। इसतरह बच्चे का एक ही वैक्सीन से कई बीमारियों का बचाव होने से बार-बार इंजेक्शन लगाने की जरूरत नहीं होती है।
कॉम्बिनेशन वैक्सीनेशन कब लगवानी चाहिए?
बच्चे को कॉम्बिनेशन वैक्सीनेशन देने के लिए आपको अपने पीडियाट्रीशियन की सलाह लेनी चाहिए।
कहीं इस वैक्सीन के कोई साइड इफेक्सट्स तो नहीं?
इसमें अलग-अलग वैक्सीन को मिलाकर एक बार में ही बच्चे को लगाई जाती है। ऐसे में इस वैक्सीन से बच्चे को थोड़ा दर्द या सूजन की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर बच्चे में कोई और लक्षण दिखाई दें तो इसके लिए अपने पीडियाट्रीशियन से जरूर संपर्क करें।
बच्चे को कॉम्बिनेशन वैक्सीन लगवाने से इन 6 बीमारियों के होने का खतरा कई गुणा कम होता है।
टिटनेस
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें स्केलेटल मसल फाइबर को काबू में रखने वाली तंत्रिका कोशिकाओं पर अपना गहरा असर डालती है। यह गले पर अटैक कर जबड़े क जाम करने का काम करती है। ऐसे में बच्चे को मुंह खोलने से लेकर खाना निगलने तक बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पोलियो
यह एक वायरस की वजह से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। विश्व स्वस्थ संगठन के अनुसार, 200 में से 1 संक्रमण ऐसा होता है जो पैरालिसिस होने का कारण बनता है। ऐसे में इससे पीड़ित बच्चों की मृत्यु होने का कारण सांस से जुड़ी समस्या होती है।
हिब (हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी)
यह एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो 5 साल की कम आयु के बच्चे में पाई जाता है। इसके कारण बच्चे निमोनिया, मेनिन्जाइटिस आदि के शिकार हो सकते हैं। बच्चे को इसकी चपेट में आने से पहले व इसे रोकने के लिए बच्चे को टीके लगवाना बेहज जरूरी है।
पर्टुसिस
पर्टुसिस में बच्चे को लगातार खांसी, छींक आना, सर्दी- जुकाम व नाक बहने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके शिकार होने के बाद बच्चों को करीब 4 से 8 हफ्तों तक खांसी की शिकायत रह सकती है।
डिप्थीरिया
यह एक ऐसा संक्रमण है जिससे बच्चे के गले का ऊपरी हिस्से में इंफैक्शन होती है। साथ ही यह शरीर के बाकी अंगों पर असर डालने वाले टॉक्सिन का निर्माण करती है। यह बीमारी खासतौर पर 2 से 10 साल तक के बच्चों को अपनी चपेट में लेती है। बात इस बीमारी की गंभीरता की करें तो करीब 5 से 10 प्रतिशत केस में बच्चे की जान जाने का खतरा रहता है।
हेपेटाइटिस बी
अगर पेरेंट्स इस बीमारी से ग्रस्त है तो यह बच्चे में भी देखने को मिल सकती है। यह बीमारी सीधा लीवर पर असर डाल उसे कमजोर करने का काम करती है। इसके चलते थकान, कमजोरी, भूख कम लगाना, पेट में गड़बड़ी आदि की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर इसपर समय रहते काबू न पाया जाए तो यह बेहद गंभीर रूप ले सकती है।
ऐसे में बच्चों को इन 6 बीमारियों से बचाए रखने के लिए उन्हें कॉम्बिनेशन वैक्सीन जरूर लगानी चाहिए। इसे बच्चे को 2 महीने के होने बाद कभी भी लगाया जा सकता है। इसके बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए आप पीडियाट्रिशियन से सलाह ले सकते है।