भारत में हर 40 सेकंड में Brain Stroke का नया केस, पहले 4 FAST संकेत दिखे तो तुरंत अस्पताल पहुंचे
punjabkesari.in Friday, Aug 22, 2025 - 06:36 PM (IST)

नारी डेस्कः ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) आजकल तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है। यह समस्या इतनी खतरनाक है कि व्यक्ति की जान तक जा सकती है। हाल ही में पंजाब फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने नाम जसविंदर भल्ला 65 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए जिसकी वजह ब्रेन स्ट्रोक को ही बताई जा रही है हालांकि एक्टर डायबिटीज व दिल के मरीज भी बताए जा रहे थे लेकिन आज हम ब्रेन स्ट्रोक के खतरों पर बात करेंगे।
ब्रेन स्ट्रोक क्या है? | Brain Stroke Kya hai
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क (Brain) के किसी हिस्से में खून का प्रवाह रुक जाता है या फटने से खून बहने लगता है। इससे उस हिस्से की ब्रेन सेल्स (Brain Cells) ऑक्सीजन और पोषण न मिलने के कारण कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं। स्ट्रोक मस्तिष्क के किसी हिस्से को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत में हर 40 सेकंड में एक स्ट्रोक केस
भारत में स्ट्रोक का बोझ बहुत अधिक है। WHO एवं Lancet Neurology की ताज़ा रिपोर्ट्स अनुसार, WHO के अनुसार, हर साल 1.5 करोड़ लोग स्ट्रोक का शिकार होते हैं और इनमें से लगभग 50 लाख लोग मर जाते हैं। लगभग हर 40 सेकंड में एक नया केस सामने आता है।
हाई बीपी भारत में सबसे बड़ा कारण: कोई व्यक्ति अगर समय रहते ब्लड प्रेशर नियंत्रित करे तो स्ट्रोक खतरा 50% तक घट सकता है। Lancet Neurology Journal (2021) के अनुसार, हाई BP स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है और इसे नियंत्रित करके स्ट्रोक के मामलों को 50% तक कम किया जा सकता है।
कितने तरह का होता है ब्रेन स्ट्रोक
इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke) – सबसे सामान्य (लगभग 68–85% केस इसी के होते हैं)।
इसमें दिमाग की धमनियों में ब्लॉकेज (खून का थक्का / प्लाक) बन जाता है।
हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke) – गंभीर, लेकिन अपेक्षाकृत कम (15–30%)।
इसमें ब्रेन की नस फट जाती है और अंदर खून भरने लगता है। यह स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है।
ट्रांजिएंट इस्केमिक अटैक (TIA / Mini Stroke) – इसे मिनी स्ट्रोक कहते हैं।
इसमें ब्लॉकेज कुछ समय के लिए होता है और लक्षण कुछ घंटों या मिनटों में ठीक हो जाते हैं। यह आने वाले बड़े स्ट्रोक का चेतावनी संकेत है।
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ब्रेन स्ट्रोक के कारण | Brain Stroke Big Causes
WHO रिपोर्ट के मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर (सिस्टोलिक BP) दुनिया में स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है — कुल स्ट्रोक बोझ का 55% इसी से होता है। वही एक अध्य्यन के मुताबिक, लगभग 87% स्ट्रोक का जोखिम उपरोक्त कारकों से और विशेष रूप से हाई ब्लड प्रेशर से बढ़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर (High BP)
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना और धमनियों में प्लाक जमना
शुगर (Diabetes)
धूम्रपान और शराब का सेवन
मोटापा और व्यायाम की कमी
तनाव और अनियमित जीवनशैली
ह्रदय रोग (जैसे Atrial Fibrillation)
पारिवारिक इतिहास (Genetics)
हाई BP, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, धूम्रपान–शराब, मोटापा, तनाव, दिल की बीमारी, अनियमित जीवनशैली वाले लोगों को इसका सबसे अधिक खतरा रहता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण (FAST Formula से याद रखें) | Brain Stroke Symptoms
F – Face Drooping : चेहरा टेढ़ा होना, मुस्कुराने में दिक्कत।
A – Arm Weakness : हाथ-पैर अचानक कमजोर होना या सुन्न पड़ जाना।
S – Speech Difficulty : बोली लड़खड़ाना, बात समझने में दिक्कत।
T – Time to Act : तुरंत अस्पताल ले जाना।
अन्य दिखने वाले कुछ लक्षण
तेज सिरदर्द जो कई दिनों से हो रहा है और दवा से भी ठीक नहीं हो रहा।
चक्कर आना, संतुलन बिगड़ना
धुंधली या डबल विजन
अचानक बेहोशी आना।
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ब्रेन स्ट्रोक का इलाज
इलाज में 'गोल्डन आवर (4.5 घंटे)' का महत्व बहुत अधिक है, थ्रोम्बेक्टॉमी/क्रैनियोटॉमी जैसी एडवांस्ड सर्जरी/थेरेपी दुनियाभर में स्वीकार की जा रही है।
1. इमरजेंसी इलाज (Golden Hours – पहले 4.5 घंटे सबसे जरूरी)
इस्केमिक स्ट्रोक में – खून का थक्का गलाने वाली दवाएं (tPA – tissue plasminogen activator) दी जाती है।
हेमरेजिक स्ट्रोक में – दवा/सर्जरी से खून रोकना और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना।
2. सर्जरी
थ्रोम्बेक्टॉमी (Thrombectomy) – थक्का निकालना।
क्रैनियोटॉमी (Craniotomy) – दिमाग में दबाव कम करने के लिए हड्डी हटाना।
3. लॉन्ग टर्म मैनेजमेंट
ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल।
कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाएं।
खून पतला करने की दवाएं (Antiplatelet)।
फिजियोथैरेपी और रिहैबिलिटेशन।
ब्रेन स्ट्रोक का घरेलू और देसी उपाय
पहले ये बात समझे कि ये सिर्फ बचाव व रोकथाम के लिए है लेकिन यह इलाज का विकल्प नहीं है।
लहसुन, हल्दी, मेथी, अलसी के बीज डाइट में रखें। ये खून को पतला करने और नसों को साफ रखने में मददगार है।
संतुलित भोजन (फल, सब्जियाँ, ओट्स, नट्स, मछली)।
नमक और तेल का सेवन नियंत्रित करें।
नियमित योग और व्यायाम (प्राणायाम, वॉक)।
धूम्रपान और शराब से परहेज करें।
मेडिकल रिसर्च की नई बातें
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (GBD) 2021 अनुमान: हर साल पूरी दुनिया में लगभग 12 मिलियन (1.2 करोड़) नए स्ट्रोक केस होते हैं।
WHO के अनुसार, वैश्विक स्तर पर हर चौथा वयस्क अपने जीवन में कभी न कभी स्ट्रोक से प्रभावित होता है।
स्ट्रोक मृत्यु-दर और विकलांगता (डिसेबिलिटी) दोनों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
2020 में वैश्विक स्ट्रोक का कुल भार, मृत्यु, और विकलांगता, निम्न–मध्यम आय वाले देशों में सबसे अधिक है।
नवीनतम शोध बताता है कि स्ट्रोक के केस व मृत्यु दर 2050 तक 50% बढ़ सकती है, यदि रोकथाम व जन-जागरूकता नहीं बढ़ी।
याद रखें कि ब्रेन स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है लेकिन समय पर पहचान और इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है और उसे सामान्य जीवन में वापस लाया जा सकता है।