Brain Clot के इन लक्षणों को इग्नोर करना मतलब जान खतरे में ...!

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2024 - 08:23 PM (IST)

नारी डेस्कः ब्रेन क्लॉट (Brain Clot) यह शब्द इस समय इतना आम सुनने को मिल रहा है कि हर कोई इस हैल्थ प्रॉब्लम के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाना चाहता है। ब्रेन क्लॉट को हिंदी में "मस्तिष्क में रक्त का थक्का" कहा जाता है। यह समस्या काफी सीरियस होती है क्योंकि इस स्थिति में दिमाग में पहुंचने वाला खून का प्रवाह रूक जाता है। यह समस्या आमतौर पर मस्तिष्क की धमनियों में रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) के जमने के कारण होती है। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति रूक सकती है। अगर समय पर इस समस्या का इलाज ना किया जाए तो यह स्ट्रोक (आघात) या मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकता है।

ब्रेन क्लॉट कितने तरह के होते हैं? 

ब्रेन क्लॉट कितने तरह के होते हैं, इस बारे में भी जानिए।

इस्कीमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke): जब मस्तिष्क की धमनियां ब्लड क्लॉट से अवरुद्ध हो जाती हैं।

हेमरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke): जब मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं और ब्लीडिंग होता है।

ट्रांसियेंट इस्कीमिक अटैक (TIA): इसे "मिनी स्ट्रोक" भी कहा जाता है, जहां ब्लड क्लॉट अस्थाई रूप से बाधा डालता है।

ब्रेन क्लॉट के लक्षण | Brain Clot Symptoms | Brain Clot ke lakshan 

ब्रेन क्लॉट के लक्षण व्यक्ति की सेहत व कंडीशन पर निर्भर कर सकते हैं लेकिन सामान्यता कुछ इस तरह लक्षण ब्रेन क्लॉट में देखने को मिलते हैं। 

सिरदर्द (Headache): अचानक और गंभीर सिरदर्द, विशेषकर ऐसा जो पहले कभी महसूस न हुआ हो और दर्द असहनीय-तीव्र हो।

कमजोरी या लकवा (Weakness or Paralysis): बॉडी के साइड का एक हिस्सा कमजोर होना या काम न करना।

बोलने में कठिनाई (Speech Difficulty): बोलने में रुकावट या शब्दों को ठीक से समझने में दिक्कत होना। 

धुंधलापन (Vision Problems): एक या दोनों आंखों से धुंधला दिखना या अंधापन जैसे महसूस होना। 

चक्कर आना (Dizziness): अचानक से चक्कर आना और  गिर जाना।

होश खो देना (Loss of Consciousness): अचानक बेहोश होना या भ्रमित महसूस करना।

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ब्रेन क्लॉट होने के कारण | Brain mein blood clot kyon hota hai | Brain Clot Reasons

ब्रेन क्लॉट होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और यह समस्या सर्दी के मौसम में अधिक हो सकती हैं क्योंकि ठंड के चलते ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): लंबे समय तक अनियंत्रित ब्लड प्रेशर धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है। ब्रेन क्लॉट होने का यह कारण मुख्य में से एक है।

कोलेस्ट्रॉल जमना (High Cholesterol): रक्तवाहिनियों में प्लाक जमा होने से रक्त प्रवाह रुक सकता है और सबसे आम और मुख्य कारणों में यह भी शामिल है। 

मोटापा (Obesity): आपका वजन बहुत अधिक है जिसके चलते आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है। 

डायबिटीज (Diabetes): हाई शुगर लेवल  भी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।

धूम्रपान (Smoking): रक्त को गाढ़ा करने और थक्के बनने का खतरा बढ़ाता है जिससे ब्रेन क्लॉट की समस्या आ सकती है। 

स्ट्रेस (Stress): अत्यधिक तनाव भी ब्लड प्रैशर बढ़ाकर क्लॉट की संभावना बढ़ा सकता है।

अनुवांशिकता (Genetics): परिवार में स्ट्रोक या ब्रेन क्लॉट का इतिहास होना भी इसके खतरे को बढ़ा सकता है।
 
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ब्रेन क्लॉट से बचने के उपाय

ब्रेन क्लॉट से बचाव का मुख्य उपाय हैल्दी लाइफस्टाइल है। जो भी खाएं हैल्दी खाएं।

हैल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी | Healthy Diet

हैल्दी डाइट में कम वसा और कम कोलेस्ट्रॉल वाले आहार लें।
हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज खाएं।
जंक फूड और हाई शुगर ड्रिंक ना लें।

नियमित व्यायाम करें, फिजिकल एक्टिविटी रखें | Regular Exercise and Healthy Lifestyle

रोज़ाना 30 मिनट तक व्यायाम करें, जैसे योग, दौड़ना या पैदल चलना।
फिजिकल एक्टिविटी से शरीर में खून का दौरा बेहतर तरीके से होगा।
अगर आपको ब्लड प्रैशर या शुगर से जुड़ी दिक्कतें हैं तो नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचें क्योंकि यह रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचाता है।
तनाव कम लें, योग और मेडिटेशन जरूर करें। 
6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
यदि डॉक्टर ने खून पतला करने वाली दवाएं दी हैं, तो उनका नियमित सेवन करें।
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ब्रेन क्लॉट होने पर इलाज क्या है ? Brain clot treatment

यदि किसी व्यक्ति में ब्रेन क्लॉट के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इलाज के दौरान खून पतला करने वाली दवाइयां (Anticoagulants) दी जा सकती हैं।
थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी (Thrombolytic Therapy) की मदद से रक्त थक्का हटाने के लिए इंजेक्शन दिया जाता है।
सर्जरी (Surgery) की आवश्यकता भी हो सकती है। सीरियस मामलों में क्लॉट को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
स्ट्रोक के बाद, फिजियोथेरेपी और अन्य पुनर्वास उपायों की जरूरत हो सकती है।

ब्रेन क्लॉट सर्जरी का रिकवरी टाइम | Brain Clot Surgery Recovery Time

ब्रेन ब्लड क्लॉट सर्जरी के बाद रिकवरी में करीब 12 सप्ताह का समय लग सकता है हालांकि यह मरीज की हैल्थ कंडीशन से पता चलता है कि उसे रिकवरी में कितना समय लगेगा। सर्जरी के बाद, आपको अस्पताल में रहने की ज़रूरत होती है या फिर आप घर पर रिकवरी कर सकते है, इसकी स्टीक जानकारी आपके डॉक्टर से मिल सकती है। रिकवरी के दौरान, कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सर्जरी के बाद, आपको थकान, दर्द या सिरदर्द महसूस हो सकता है।
आपकी देखभाल केयर टेकर की निगरानी में होगी।
सर्जरी के बाद, कौन सी दवाई कब खानी है इसका ख्याल रखें।
सर्जरी के बाद, आपको अपने मस्तिष्क की नियमित इमेजिंग जांच करवानी होगी।
सर्जरी के बाद, कुछ लोगों को दीर्घकालिक और स्थायी दुष्प्रभाव का अनुभव हो सकता है। ज्यादा जानकारी न्यूरोसर्जन और स्वास्थ्य देखभाल टीम से ही आपको मिल सकती है। 


 


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Content Writer

Vandana

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